व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप-आर्थिक-गलियारे (IMEC) और हमास हमले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की टिप्पणियों को गलत समझा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आपने उन्हें गलत समझा। उन्होंने कहा था कि जब हमास ने हमला किया था तो हमले के कारणों में से एक कारण यही गलियारा था। आपने उनके बयान को गलत समझा है।
हमास-इजरायल युद्ध को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान को लेकर चल रही खबरों के बीच व्हाइट हाउस ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है। दरअसल, व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप-आर्थिक-गलियारे (IMEC) और हमास हमले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की टिप्पणियों को गलत समझा जा रहा है।
गलियारा समझौते को बताया था एक कारण
व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के प्रवक्ता जॉन किर्बी राष्ट्रपति बाइडन के एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने संकेत दिया था कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के पीछे एक कारण भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक-गलियारे की हालिया घोषणा थी, जो रेल, सड़क और बंदरगाहों के नेटवर्क वाला पूरा क्षेत्र को एकीकृत करता है।
आपने उनके बयान को गलत समझा
किर्बी ने कहा, “मुझे लगता है कि आपने उन्हें गलत समझा। उन्होंने कहा था कि जब हमास ने हमला किया था तो हमले के कारणों में से एक कारण यही गलियारा था। मेरे पास इसका कोई सबूत नहीं है, बस मेरी अंतरात्मा मुझे यह बता रही है। मुझे लगता है कि उन्होंने वास्तव में जो कहा, आपने उसे गलत समझा।”
बुधवार को ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा था, “मुझे विश्वास है कि जब हमास ने हमला किया तो उन कारणों में से एक था और मेरे पास इसका कोई सबूत नहीं है, बस मेरी अंतरात्मा इस बात की गवाही दे रही है। हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।”
अरब देशों के बीच अशांति फैलाने के लिए छेड़ा युद्ध
हाल ही में, भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि इजरायल पर हालिया हमले इजरायल, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों के बीच अशांति फैलाने के लिए किए गए हैं। इन हमलों का उद्देश्य अब्राहम समझौते और I2U2 समूह द्वारा स्थापित संबंधों को बाधित करना भी था, जिसके कारण इजरायल और खाड़ी देशों के बीच संचार में वृद्धि हुई थी।
I2U2 और अब्राहम समझौता क्या है?
मालूम हो कि ट्रम्प प्रशासन की मध्यस्थता वाले अब्राहम समझौते में उन समझौतों का एक समूह शामिल है, जिन पर इजरायल ने चार अरब देशों: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मोरक्को, बहरीन और सूडान के साथ हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौते सितंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच स्थापित किए गए थे। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अब्राहम समझौता 15 सितंबर, 2020 को इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बीच हस्ताक्षरित अरब-इजरायल सामान्यीकरण पर द्विपक्षीय समझौता है।
इसके अतिरिक्त, I2U2 समूह भारत, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक समूह है। 14 जुलाई, 2022 को जारी समूह के पहले संयुक्त बयान में कहा गया है कि देशों का लक्ष्य जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा में संयुक्त निवेश और नई पहल पर सहयोग करना है।