रायपुर 04 अप्रैल।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के हरे-भरे जंगलों को आग से बचाने के लिए सभी लोगों से सक्रिय सहयोग की अपील की है।
डा.सिंह ने आज यहां जारी संदेश में कहा कि बेशकीमती वन सम्पदा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ काफी सम्पन्न है। राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 44 प्रतिशत अर्थात 59 हजार 772 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा वनों का है।उन्होने कहा कि इस प्राकृतिक सम्पन्नता को बचाए रखना और उसके विकास के लिए निरंतर प्रयास करना हम सबकी सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। पर्यावरण संरक्षण के लिए भी यह बहुत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि वनों को आग से बचाना इसलिए भी बहुत जरूरी है कि ये वन हमारे लाखों वनवासी परिवारों की आजीविका और अतिरिक्त आमदनी का एक बहुत बड़ा माध्यम है। तेन्दूपत्ता, साल बीज, महुआ, लाख, चिरौंजी आदि लघु वनोपजों के संग्रहण के जरिए हमारे वनवासी भाई-बहनों को मौसमी रोजगार मिलता है।
डा.सिंह ने कहा कि गर्मी के इस मौसम में वन क्षेत्रों में कई कारणों से आग लगने और फैलने की अधिक आशंका रहती है।कई बार वनों से गुजरने वाले लोग वहां खाना बनाते हैं और जलती हुई लकड़ी को बिना बुझाए छोड़ देते हैं।इसी तरह धूम्रपान करने वाले कई राहगीर जलती हुई बीड़ी या सिगरेट को वृक्षों के आसपास लापरवाही से फेंक देते हैं।इसके फलस्वरूप वनों में आग फैल जाती है और हमारी बहुमूल्य वन सम्पदा को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
उन्होने कहा कि साल,सागौन और मिश्रित प्रजातियों के मूल्यवान वृक्षों तथा बहुमूल्य जड़ी-बूटियों का अनमोल खजाना छत्तीसगढ़ के वनों में है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों में आग लगने पर बहुमूल्य वन सम्पदा के साथ-साथ वन्य प्राणियों के जीवन पर भी संकट आ जाता है और प्रदेश के जंगलों की नैसर्गिक जैव विविधता को नुकसान पहुंचता है।