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बिहार : भीम संसद के जरिए दलित वोटरों को साधेंगे सीएम नीतीश

अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि इस भीम संसद शामिल होने वाले लोगों के लिए काफी व्यापक इंतजाम किये गये हैं। उन्होंने दावा किया कि इस कार्यक्रम में दो लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।

विपक्षी दलों (I.N.D.I.A.) में अगुआ की भूमिका निभाने वाले सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड आज पिछड़े और दलित समुदाय के वोट को साधने लिए बड़ा कार्यक्रम कर रही है। इसका नाम दिया गया भीम संसद। रविवार को पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से दलित समुदाय के लोग शामिल हो रहे। जदयू की ओर से इसके लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। इसमें सीएम नीतीश कुमार समेत जदयू के कई वरीय नेता और मंत्री शामिल होने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम के जरिए नीतीश कुमार राज्य के अनुसूचित जाति और जनजाति के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। वहीं राजनीतिक पंडितों का कहना है कि भीम संसद के जरिए सीएम नीतीश कुमार लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान और भाजपा की जाति आधारित राजनीति को जवाब देंगे। यह कार्यक्रम भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी की पहल पर आयोजित हो रही। हालांकि पहले यह कार्यक्रम 5 नवंबर को होने वाली थी लेकिन किसी कारण से इसे टाल दिया गया था।

आपातकाल से भी बदतर स्थिति लाई गई है
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कार्यक्रम से पहले कहा कि आज जो देश के हालात हैं, देश में जो राजनीतिक की जो संवेदनशील स्थिति है। अहंकारी सरकार द्वारा आपातकाल से भी बदतर स्थिति लाई गई है। संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। लोकतंत्र खतरे में हैं। भाजपा के लोग विपक्ष में बैठे नेताओं को परेशान कर रहे हैं। इसलिए पार्टी ने निर्णय लिया है कि 26 नवंबर को वेटनरी कॉलेज मैदान में भीम संसद कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। वहीं अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि इस भीम संसद शामिल होने वाले लोगों के लिए काफी व्यापक इंतजाम किये गये हैं। इस कार्यक्रम में दो लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।

देश के दलित और आदिवासी वर्ग में दहशत का माहौल
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा आज देश के दलित और आदिवासी वर्ग में दहशत का माहौल है। उन्हें लगता है कि भाजपा उनके आरक्षण के साथ खिलवाड़ कर सकती है। इसलिए जदयू आने वाले दिनों में भीम संसद का आयोजन करेगी। इसमें सभी राज्य के लोग शामिल होंगे। बाबा साहेब और महात्मा गांधी के अनुयायियों को पटना में बुलाया गया है। भाजपा वाले किस तरह से आरक्षण के विरोध में काम कर रहे हैं, उसके बारे में जागरूक किया जाएगा। यह पार्टी का कार्यक्रम हैं। इसमें अगर महागठबंधन के अन्य दल भी आना चाहेंगे तो वह आ सकते हैं। अशोक चौधरी ने कहा कि इसे लोकसभा चुनाव से जोड़कर न देखें। यह हमलोगों की पीढ़ी के आने वाले भविष्य को लेकर है।