नई दिल्ली 18 अप्रैल। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कठुआ की दुष्कर्म पीडिता की पहचान उजागर करने वाले मीडिया संस्थानों पर 10-10 लाख रूपए जम्मू-कश्मीर पीडि़त मुआवजा कोष में देने का निर्देश दिया है।
इससे पूर्व कठुआ की सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता आठ वर्षीय बच्ची की पहचान का खुलासा करने वाले मीडिया घरानों ने आज अदालत में मांगी मांगी।इन मीडिया घरानों के वकीलों ने न्यायालय में कहा कि पीडि़ता की पहचान उजागर करने की गलती, कानून की जानकारी नही होने के कारण हुई है। उन्हें यह गलतफहमी थी कि चूंकि बच्ची की मौत हो चुकी है इसलिए वे बच्ची का नाम उजागर कर सकते हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश, न्यायमूर्ति गीता मित्तल और सी हरिशंकर की पीठ ने निर्देश दिया कि मुआवजे की राशि उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के पास एक सप्ताह के भीतर जमा कराई जाये।
पीठ ने यह निर्देश भी दिया है कि यौन उत्पीड़तों की निजता संबंधी कानूनी प्रावधानों और उनकी पहचान उजागर करने वालों के लिए सजा के बारे में व्यापक और सतत प्रचार किया जाये।
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