नई दिल्ली 27अप्रैल। उच्चतम न्यायालय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम पर अपने हाल के फैसले पर पुनर्विचार के लिए केन्द्र की याचिका पर अगले गुरूवार को सुनवाई करेगा।
अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति ए.के. गोयल और दीपक गुप्ता की पीठ से मामले की जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया। मामले की अगली सुनवाई तीन मई को होगी।
केन्द्र ने पुनर्विचार याचिका दायर कर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम में तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान पर रोक लगाने संबंधी शीर्ष न्यायालय से अपने दो मार्च के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था।
सरकार ने 20 मार्च को अपनी पुनर्विचार याचिका में उच्चतम न्यायालय को बताया था कि इस फैसले से अनुसूचित जाति, जनजाति समुदाय के लिए संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन होगा और इस प्रावधान को बहाल रखने की मांग की थी।