प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीसरी बार समन भेजा है। ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले में पूछताछ के लिए 3 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। दिल्ली शराब घोटाले में ईडी पहले भी AAP नेता को दो बार समन जारी कर चुकी है। हालांकि, केजरीवाल ने नोटिस को यह कहकर खारिज कर दिया कि ये राजनीति से प्रेरित है।
बता दें कि इससे पहले ईडी ने 30 अक्टूबर और फिर 18 दिसंबर को नोटिस जारी किया था। ईडी ने केजरीवाल को 19 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन केजरीवाल 19 दिसंबर को विपास्यना के लिए चले गए। जानकारी के मुताबिक, सीएम केजरीवाल 10 दिन तक विपश्यना में रहेंगे। केजरीवाल हर साल विपासना का 10 दिन का कोर्स करने के लिए जाते हैं। इस साल भी वह 19 से 30 दिसंबर तक विपश्यना में रहेंगे।
नोटिस के जवाब में क्या बोले केजरीवाल
मुख्यमंत्री ने बुधवार को ईडी को भेजे जवाब में कहा कि समन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है उन्हें मामले में ‘‘गवाह या संदिग्ध” के तौर पर या एक ‘‘दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अथवा आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक” के रूप में बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि ताजा समन 18 दिसंबर को जारी किया गया जिसे निश्चित रूप से रद्द, वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने ईडी को भेजे अपने जवाब में कहा, ‘‘आपके समन का समय इसके पीछे की मंशा, मेरे इस विश्वास को मजबूत करते हैं कि मुझे भेजे जा रहे समन किसी उद्देश्य या तर्कसंगत मानदंड पर आधारित नहीं हैं बल्कि ये राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर अनावश्यक विचारों से प्रेरित हैं जो केंद्र में सत्तारूढ़ दल के विरोध की आवाज को चुप कराना चाहते हैं ताकि 2024 की शुरुआत से लेकर मध्य तक होने वाले संसदीय चुनावों से पहले अंतिम कुछ महीनों में सनसनीखेज खबरें बन सकें।”
संजय सिंह, मनीष सिसोदिया जेल में
ईडी ने मामले में दाखिल अपनी चार्जशीट में कई बार केजरीवाल के नाम का उल्लेख किया है और कहा है कि आरोपी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और लागू करने के संबंध में आम आदमी पार्टी (आप) नेता के संपर्क में थे। बाद में यह आबकारी नीति रद्द कर दी गई थी। इससे पहले सीबीआई अप्रैल महीने में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुला चुकी है। अब तक AAP के तीन नेता जेल जा चुके हैं। मनीष सिसोदिया, सजंय सिंह जेल में हैं, जबकि सत्येंद्र जैन जमानत पर बाहर चल रहे हैं।
दिल्ली शराब घोटाले की 15 महीने की जांच में कब क्या-क्या हुआ?
डेढ़ साल के अंदर दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी AAP से जुड़े तीसरे बड़े नेता की गिरफ्तारी से सियासत भी गरमा गई है। AAP और बीजेपी आमने-सामने हैं। गुरुवार को AAP कार्यकर्ता गिरफ्तारी का विरोध करेंगे। इससे पहले ईडी ने 30 मई, 2022 को एक अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के तत्कालीन मंत्री सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार किया था। बुधवार सुबह ईडी की टीम राज्यसभा सांसद संजय सिंह के नॉर्थ एवेन्यू स्थित सरकारी आवास पर पहुंची। यहां दिनभर की पूछताछ के बाद संजय को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया।
दिनेश अरोड़ा के सरकारी गवाह बनने के बाद एक्शन
संजय सिंह के घर तलाशी और उसके बाद गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब एक दिन पहले ही दिल्ली की एक अदालत ने एक्साइज पॉलिसी घोटाले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा और दिल्ली के व्यवसायी दिनेश अरोड़ा को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी है।
मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी था दिनेश
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल पर ईडी जांच कर रही है और एजेंसी ने व्यवसायी दिनेश अरोड़ा को जुलाई में गिरफ्तार किया था। ईडी का कहना था कि पूछताछ में अरोड़ा कथित तौर पर गोलमोल जवाब दे रहा है और जांच में सहयोग नहीं कर रहा था। बाद में वो ईडी का सरकारी गवाह बन गया। इससे पहले भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर रही सीबीआई ने दिनेश को सरकारी गवाह बनाया था। कहा जाता है कि अरोड़ा कथित तौर पर मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी था और एक्साइज पॉलिसी मामले में आरोपी है। उसे ईडी के साथ-साथ सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया है।
दिनेश के जरिए मनीष के पास आई रिश्वत की रकम
ईडी ने एक सप्लीमेंट्री जार्चशीट में सिसौदिया पर दिनेश अरोड़ा के जरिए एक अन्य व्यवसायी और मामले के आरोपी अमित अरोड़ा से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। जांच एजेंसी ने इस रिश्वत को पीएमएलए के तहत ‘अपराध से अर्जित आय’ बताया है। अमित अरोड़ा ने आबकारी नीति 2021-22 में अपने पक्ष में पॉलिसी चेंज कराने के लिए दिनेश अरोड़ा के जरिए मनीष सिसोदिया को 2।2 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। ईडी ने मई में दायर अपनी अभियोजन शिकायत में आरोप लगाया।
LG ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी
ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति में गड़बड़ियां की गई है। लाइसेंस के लिए रिश्वत देने वाले कुछ डीलरों को नियमों में ढिलाई दी गई। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इस आरोप को लगातार खारिज किया है। बाद में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कथित घोटाले में सीबीआई जांच की सिफारिश की। उसके बाद उत्पाद शुल्क नीति को रद्द कर दिया गया था।