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राजनीतिक कटुता देश को ले जाती है तानाशाही की ओर –रघु ठाकुर

ग्वालियर 24 दिसम्बर।प्रख्यात समाजवादी चिंतक व विचारक लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक रघु ठाकुर ने शीतकालीन सत्र में संसद की घटना पर चर्चा करते हुए कहा कि देश की संसद की पिछले दिनों की घटनाएं लोकतंत्र के लिए प्रश्नचिन्ह है और समूची दुनिया में भारतीय लोकतंत्र पर संदेह व्यक्त किया जाने लगा है।

       अल्प प्रवास पर ग्वालियर पहुंचे श्री ठाकुर ने कहा कि संसद में जो लोग कूदे थे और धुंआ छोड़ा था, वह एक चिंता जनक घटना थी, तथा संसद की सुरक्षा में चूक थी। इस चूक के लिए भाजपा सांसद की भी जिम्मेवारी थी जिन्होंने बगैर किसी जानकारी लिए या फिर किसी अन्य कारण से उन लोगों को प्रवेश पत्र दिलाए। भाजपा सांसद का भी अपराध उसी प्रकार का संसदीय अपराध है, जैसा कि महुआ मोइत्रा का परंतु उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई,।

        उन्होने कहा कि प्रतिपक्ष के सांसदों ने गृह मंत्री से इस गंभीर चूक पर संसद में बयान देने की मांग की थी, परंतु यह भारतीय संसदीय इतिहास में पहली घटना है जहां उत्तर मांगने बालों को ही निलंबित कर दिया गया। 146 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं। जबकि यह  नैतिक व संवेधानिक दायित्व प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का था कि वे स्वत ही अपनी और से संसद में पूरी जानकारी देते। सरकार की संसद के प्रति जबा देही होती है, न कि संसद की सरकार के प्रति।

    श्री ठाकुर ने कहा कि मैं राष्ट्रपति जी से अपील करूंगा कि वे प्रधानमंत्री को निर्देशित करें कि सभी सांसदों की बहाली का प्रस्ताव स्वीकृत कराए तथा भारतीय राजनीति को हिंसा और कटुता के रास्ते पर न जाने दें।राजनीतिक कटुता देश को तानाशाही की ओर ले जाती है इसका उदाहरण हम पाकिस्तान में देख रहे हैं। प्रधानमंत्री जी से मेरी अपील है कि भारत को पाकिस्तान मत बनाओ।