राजनांदगांव 04मई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने राज्य के संस्कृति विभाग द्वारा आज यहां आयोजित समारोह में मुम्बई के प्रसिद्ध फिल्म निदेशक श्याम बेनेगल को किशोर साहू स्मृति राष्ट्रीय अलंकरण से सम्मानित किया।
डॉ. सिंह ने राज्य के निवासी छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निदेशक मनोज वर्मा को किशोर साहू स्मृति राज्य सम्मान से नवाजा। समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के संस्कृति मंत्री दयाल दास बघेल ने की। लोकसभा सांसद अभिषेक सिंह सहित अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और साहित्य, कला-संस्कृति से जुड़े लोग बड़ी संख्या में कार्यक्रम में शामिल हुए।
डॉ.सिंह ने इस मौके पर अपने सम्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती से और विशेष रूप से राजनांदगांव के साथ स्वर्गीय किशोर साहू का गहरा भावनात्मक लगाव था। स्वर्गीय श्री साहू ने अपनी आत्मकथा में राजनांदगांव को सुन्दर, सौम्य और संस्कारधानी शहर बताया है।मुख्यमंत्री ने हिन्दी सिनेमा में स्वर्गीय श्री किशोर साहू के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके द्वारा प्रसिद्ध कलाकार दिलीप कुमार और कामिनी कौशल को लेकर ‘नदिया के पार’ नामक जिस फिल्म का निर्माण किया था, उसमें नांदघाट का भी वर्णन है।
उन्होने कहा कि लोकप्रिय हिन्दी फिल्म ‘गाईड’ में भी श्री किशोर साहू ने एक यादगार भूमिका निभाई थी। स्वर्गीय श्री किशोर साहू की इस फिल्म में पहली बार छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विशेषताओं की झलक मिली। डॉ. सिंह ने किशोर साहू स्मृति राष्ट्रीय अलंकरण से नवाजे गए श्री श्याम बेनेगल द्वारा निर्मित और निर्देशित फिल्मों का उल्लेख करते हुए कहा कि श्री बेनेगल ने हमेशा सामाजिक विषयों और सरोकारों को लेकर फिल्मों का निर्माण किया है। उनकी मंथन जैसी फिल्म सहकारिता आंदोलन के महत्व पर प्रकाश डालती है। डॉ.सिंह ने किशोर साहू स्मृति राज्य अलंकरण से सम्मानित श्री मनोज वर्मा का उल्लेख करते हुए कि श्री वर्मा ने छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति को अपनी फिल्मों के माध्यम से नई ऊंचाइंयों तक पहुंचाया है।
समारोह को संबोधित करते हुए श्री श्याम बेनेगल ने कहा कि लोक-संगीत, लोक-गीत और लोक-कलाओं की दृष्टि से छत्तीसगढ़ काफी समृद्ध है। श्री बेनेगल ने छत्तीसगढ़ से जुड़ी अपनी लगभग 40 वर्ष पुरानी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर यशपाल ने साक्षरता अभियान के लिए एक प्रोजेक्ट बनाया था, जिसके तहत मैं फिल्मांकन के लिए छत्तीसगढ़ आया था। श्री बेनेगल ने कहा कि मुझे अपनी युवा अवस्था में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में स्वर्गीय श्री किशोर साहू के कार्यों को नजदीक से देखने का मौका मिला था। स्वर्गीय श्री साहू ने हिन्दी सिनेमा को एक नई पहचान दिलाई।