जयपुरः राज्य सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यही वजह है कि पदभार ग्रहण करते ही सीएम भजन लाल शर्मा ने पहले पेपर लीक के मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया और संगठित अपराधों पर रोक लगाने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया है। अब सीएम ने एक बड़ा निर्णय किया है। इस निर्णय से सीबीआई को राजस्थान के मामलों में अनुसंधान में परेशानी नहीं होगी।
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पिछली सरकार का एक और निर्णय बदल दिया है। अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को राजस्थान से जुड़े किसी मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर सरकार ने यह आदेश जारी कर दिए हैं। सीबीआई भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई कर पाएगी।
राजस्थान की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान यह निर्णय किया गया था कि सरकार की अनुमति के बिना प्रदेश से जुड़े किसी भी मामले में सीबीआई सीधे जांच नहीं कर सकती थी। उसे जांच के लिए राज्य सरकार के अनुमति की जरूरत थी। सीबीआई सिर्फ उन्हीं मामलों की जांच कर सकती थी जो राज्य सरकार द्वारा उसे भेजे जाएं।