हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह रामनगरी पहुंचे। उन्होंने श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में भाग लिया। हालांकि पार्टी की तरफ से निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया गया था।
अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुई। प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को कांग्रेस द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था। इसके बीच कांग्रेस पार्टी के नेता और हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह अयोध्या नगरी पहुंचे। उन्होंने राम मंदिर के भव्य समारोह में भाग लिया। वह हिमाचल सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं।
बताते चलें कि इससे पहले हिमाचल प्रदेश अपने राज्य कर्मचारियों के लिए आधे दिन के अवकाश की घोषणा करने वाला एकमात्र कांग्रेस शासित राज्य बन गया था। कांग्रेस ने ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह को बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम बताया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने अयोध्या में कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया था।
कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि ‘भगवान राम हमारे देश में लाखों लोगों द्वारा पूजे जाते हैं। धर्म एक व्यक्तिगत मामला है। लेकिन, आरएसएस और बीजेपी ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर का राजनीतीकरण किया है। बीजेपी और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया गया है। यह स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया गया है। 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए और भगवान राम का सम्मान करने वाले लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए कांग्रेस के नेताओं ने निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है।’
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