पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सरकार से सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए राज्य के बकाए के भुगतान की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने शुक्रवार को कोलकाता में धरना प्रदर्शन शुरू किया। ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के साथ मैदान इलाके में बीआर. आंबेडकर की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन शुरू किया।
अधिकारियों के मुताबिक, मंच के बगल में एक तंबू लगाया गया है, ताकि ममता बनर्जी प्रशासन संबंधी जरूरी काम कर सकें। मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के पास राज्य का हजारों करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने आंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद धरना प्रदर्शन शुरू किया।
इससे पहले तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और मनरेगा कार्यकर्ताओं के साथ नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था। उन्होंने कोलकाता में भी राजभवन के बाहर पांच दिन तक धरना दिया था।
7,000 करोड़ रुपये बकाया होने का दावा
इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि यदि केंद्र सरकार एक फरवरी तक राज्य का बकाया नहीं चुकाती है तो मैं दो फरवरी से कोलकाता में धरना दूंगी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से धरने में शामिल होने का आग्रह किया था। उन्होंने दावा किया था कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमजीएवाई) सहित केंद्र की कई योजनाओं के मद में राज्य का 7,000 करोड़ रुपये बकाया है।
मुलाकात के बावजूद नहीं किया बकाया का भुगतान
सीएम ममता ने दावा करते हुए बताया था कि राज्य का बकाया सात हजार करोड़ रुपये है। इसमें मनरेगा व पीएम ग्रामीण आवास योजना (पीएमजीएवाई) सहित कई केंद्रीय योजनाएं शामिल हैं। राज्य के अधिकारियों ने इसके सिलसिले में पिछले सप्ताह अपने केंद्र सरकार के समकक्षों से मुलाकात की थी। इन सबके बावजूद केंद्र ने अभी तक इनके बकाया का भुगतान नहीं किया है।
भाजपा ने भी बोला टीएमसी पर हमला
इस बीच भाजपा ने भी टीएमसी पर हमला बोला। पार्टी ने सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि टीएमसी राज्य में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के सभी घोटालों की जननी है। राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने टीएमसी सरकार पर आरोप लगाया कि पार्टी जनता के पैसों को अपना पैसा समझकर उड़ाती आई है।