पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में कहा गया कि नई व्यवस्था से ऐसे नशा तस्करों को समाज की मुख्य धारा में लाने में मदद मिलेगी और जेलों पर भी अत्यधिक भार को कम किया जा सकेगा।
निजी नशा मुक्ति केंद्रों को भी सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों के रूप में अधिसूचित करने की तैयारी की जा रही है। इस पर शुक्रवार को गृह सचिव शैलेश बगौली की अध्यक्षता में हुई पुलिस अधिकारियों की बैठक में चर्चा की गई। इन नशा मुक्ति केंद्रों में ऐसे नशे के आदी लोगों को रखा जाएगा जो कि नशे की पूर्ति के लिए नशा तस्करी करते हैं।
अभी तक एनडीपीएस एक्ट के तहत इन्हें भी जेल भेजा जाता है। अधिकारियों के मुताबिक नई व्यवस्था से ऐसे नशा तस्करों को समाज की मुख्य धारा में लाने में मदद मिलेगी और जेलों पर भी अत्यधिक भार को कम किया जा सकेगा। पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार समेत सभी आला अधिकारी मौजूद रहे।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि उत्तराखंड शासन और पुलिस एक टीम के रूप में काम करने को संकल्पित है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विजन व प्राथमिकताओं को धरातल पर लाने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। आगामी लोकसभा चुनाव, चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा, राष्ट्रीय खेलों को सकुशल पूरा कराने की चुनौती रहेगी लेकिन पुलिस इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। गृह सचिव शैलेश बगौली ने कहा कि उन्हें पुलिस विभाग का सारा विवरण इस बैठक से मिल चुका है। विभाग के इंफ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के का प्रयास किया जाएगा।
प्रस्ताव तैयार किया जाएगा
तीन नए आपराधिक कानूनों को कार्यान्वित करना सभी की प्राथमिकता रहेगी। पुलिस के शासन स्तर पर लंबित प्रकरणों का परस्पर संवार से निराकरण किया जाएगा। नशा मुक्ति के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन ड्रग्स फ्री उत्तराखंड 2025 पर चर्चा हुई। इसमें अधिकारियों ने कहा कि छोटी मात्रा में नशा तस्करी करने वाले अधिकतर लोग नशे के आदी होते हैं जो नशे की पूर्ति के लिए इस धंधे में आते हैं। ऐसे में उन्हें जेल से ज्यादा पुनर्वास की आवश्यकता है। ऐसे में उन्हें नशा मुक्ति केंद्रों में रखा जाना ठीक होगा। इसके लिए ऐसे प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्रों को सरकारी के रूप में अधिसूचित करने पर विचार किया जा रहा है जो नियम व शर्तों को पूरा करते हैं। इस पर आगामी समय में प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
इन पर भी हुई चर्चा
- कार्मिक, प्रोवजिनिंग, आधुनिकीकरण, पुलिस कल्याण, कानून व्यवस्था, ड्रग्स, साइबर क्राइम आदि मुद्दों पर गहराई से मंथन किया गया।
- आईटीडीए के इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर में प्राप्त होने वाली ट्रैफिक व्यवस्थाओं व पुलिसिंग से संबंधित अन्य फीड के विश्लेषण के लिए वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति होगी।
- स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत नए वाहनों की खरीद के लिए शासन स्तर पर बजट स्वीकृत करने पर चर्चा हुई।
- कुमाऊं परिक्षेत्र में एसडीआरएफ की नई बटालियन खोले जाने पर चर्चा की गई।