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यूक्रेन: पोलैंड के किसानों का बढ़ता विरोध देख घबराए जेलेंस्की

किसान यूक्रेन से सस्ते खाद्य पदार्थों के आयात और यूरोपीय संघ की पर्यावरण नीतियों के खिलाफ विशेष रूप से विरोध कर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले कई दिनों से किसान हड़ताल पर हैं और यूक्रेन के साथ लगने वाली कुछ सड़कों को ब्लॉक भी कर दिया है।

भारत में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत अन्य मांगों के लिए एक बार फिर प्रदर्शन कर रहे हैं। पर सिर्फ भारत ही नहीं है, जहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि पोलैंड में भी यही हाल है। यहां के किसान यूक्रेन से सस्ते खाद्य पदार्थों के आयात और यूरोपीय संघ की पर्यावरण नीतियों के खिलाफ विशेष रूप से विरोध कर रहे हैं। मसलन, स्थानीय किसानों का अनाज खरीदे जाने के बजाय सरकार पड़ोसी यूक्रेन से सस्ते में आयात करती हैं। यही वजह है कि पिछले कई दिनों से किसान हड़ताल पर हैं और यूक्रेन के साथ लगने वाली कुछ सड़कों को ब्लॉक भी कर दिया है। विरोध-प्रदर्शन को तेज होते देख यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने पोलैंड के नेताओं से मिलने का फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने उनकी साझा सीमा पर मिलने के लिए नेताओं को आमंत्रित किया।

इस दिन से पहले हो सकती है बैठक
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने बुधवार को सोशल मीडिया पर बताया कि उन्हें उम्मीद है कि पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि के लिए प्रस्तावित सीमा बैठक 24 फरवरी से पहले हो सकती है। बता दें, शनिवार को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को पूरे दो साल हो जाएंगे।

मैं सीमा पर बात करने के लिए तैयार
जेलेंस्की ने कहा, ‘यह राष्ट्रीय सुरक्षा की बात है। इसलिए मैं सीमा पर बात करने के लिए तैयार हूं। हमारे बीच में काफी गलतफहमी हो गई है। हमें यूक्रेनी या पोलिश किसानों को अपमानित नहीं करना चाहिए। फिलहाल एकता की जरूरत है। हमें समाधान की आवश्यकता है। यूक्रेन और पोलैंड, यहां तक कि पूरे यूरोप को समाधान की आवश्यकता है।’

पुतिन के समर्थन में नारे लगे
प्रदर्शन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समर्थन में नारे लगने और बैनर दिखाए जाने पर जेलेंस्की भड़के। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ किए जा रहे प्रदर्शन में पुतिन का समर्थन स्वीकार नहीं कर सकते। हालांकि, अभी बैठक को लेकर पोलैंड सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

किसानों की है ये मांग
विरोध प्रदर्शन कई शहरों में हुआ, जिनमें पोलैंड के ग्दान्स्क और क्राको शामिल हैं, जहां किसानों ने अपने ट्रैक्टर चलाए और अपने हॉर्न बजाए। उन्होंने अपनी मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखने की कसम खाई है। सीमा पार करने वाले रास्तों को अवरुद्ध करने के अलावा, उन्होंने राजमार्गों को भी बाधित किया। उनकी मुख्य मांगें प्रधानमंत्री टस्क की सरकार से पोलैंड को ग्रीन डील से वापस लेने और यूक्रेन से कृषि वस्तुओं के आयात को रोकने की हैं। विरोध-प्रदर्शन में लगभग एक हजार की संख्या में किसान 500 ट्रैक्टर और अन्य कृषि में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों के साथ सड़क पर उतरे थे। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में किसानों को पोलिश झंडे, बैनर और कुछ मामलों में फ़्लेयर लिए हुए सड़कों पर मार्च करते देखा गया था। किसान क्षेत्रीय सरकारी मुख्यालय के सामने भी इकट्ठा हुए थे, जहां उन्होंने टायरों में आग लगा दी, जिससे पूरा इलाका धुआं-धुआं हो गया।