रूस ने पेट्रोल और गैसोलीन पर अगले छह महीने के लिए निर्यात पर बैन लगा दिया है। जानकारी के मुताबिक, रूस में पेट्रोलियम पदार्थों की कमी के कारण यह फैसला लिया गया है। इससे आने वाले दिनों में भारत में पेट्रोल की कीमतें बढ़ सकती है। दरअसल, भारत बड़ी मात्रा में रूस से सस्ते दामों पर कच्चे तेल का आयोत करता है। उपभोक्ताओं और किसानों की गैसोलीन की बढ़ती मांग की भरपाई करने और रिफाइनरियों के मेंटेनेंस को प्लान करने के लिए ये फैसला लिया गया है। रूस के उप प्रधान मंत्री एलेक्जेंडर नोवाक के प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी।
ऊंची घरेलू कीमतों और कमी से निपटने के लिए रूस ने पिछले साल सितंबर और नवंबर के बीच भी इसी तरह का प्रतिबंध लगाया था। जिसमें केवल चार पूर्व-सोवियत राज्यों – बेलारूस, कजाकिस्तान, आर्मेनिया और किर्गिस्तान – को छूट दी गई थी। लइस बार ये प्रतिबंध यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के सदस्य देशों पर लागू नहीं होगा। मंगोलिया, उज्बेकिस्तान और जॉर्जिया के साथ ही दो रूसी समर्थित दक्षिण ओसेशिया और अबख़ाज़िया पर ये प्रतिबंध लागू नहीं होगा। उप प्रधान मंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने बैन के संबंध में प्रधान मंत्री को एड्रेस किया था। 21 फरवरी को लिखे एक पत्र में नोवाक ने कहा कि घरेलू बाजार में ईंधन की मांग जल्द ही बढ़ेगी, जिसके कारण ये बैन लगना जरूरी है।
अमेरिका ने रूस के खिलाफ लिया सख्त फैसला
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को दो साल पूरे होने के बाद अमेरिका ने रूस के 500 से अधिक नए प्रतिबंधों का ऐलान किया। जिसके बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि आर्कटिक क्षेत्र के नेता एलेक्सी नवलनी की मौत के बाद ये नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। नवलनी की मौत के लिए रूसी सरकार को जिम्मेदार बताया जा रहा है। जिसके बाद अमेरिका ने नवलनी के कारावास की सजा से संबंधित व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया।