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पाकिस्तान: चुनाव आयोग के फैसले का नवाज शरीफ की पार्टी को फायदा

पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने सोमवार को 71 साल के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ समर्थित एसआईसी को आरक्षित सीटें देने से इनकार कर दिया, जिसका फायदा नवाज शरीफ की पार्टी को हुआ।

पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए आम चुनावों के बाद से सियासी उठा पटक जारी है। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका लगा है, जिसका फायदा पूर्व पीएम नवाज शरीफ को मिला है। दरअसल, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने हाल ही में खान समर्थित एसआईसी को आरक्षित सीटें देने से मना कर दिया है, जिससे नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।

एसआईसी को आरक्षित सीटें देने से इनकार
पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने सोमवार को 71 साल के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) समर्थित सुन्नी इतेहाद काउंसिल (एसआईसी) को आरक्षित सीटें देने से इनकार कर दिया। आयोग का कहना है कि एसआईसी के पाले वालीं आरक्षित सीटें अन्य दलों को दे दी जाएं।

दरअसल, पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें अपने नाम की थीं, लेकिन वे बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाए थे। इस वजह से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएलएन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने घोषणा कर दी थी कि वे गठबंधन सरकार बनाएंगे। हालांकि, पीटीआई ने पीएमएलएन और पीपीपी द्वारा गठबंधन सरकार बनाने के प्रयासों को खारिज कर दिया था।

किस पार्टी ने कितनी जीती थीं सीटें
चुनावों में जेल में बंद इमरान खान की पीटीआई पार्टी की ओर से समर्थित उम्मीदवारों समेत कुल 93 निर्दलीय प्रत्याशियों ने नेशनल असेंबली की सीटें जीती थीं। पीएमएल-एन ने 75 सीटें जीतीं, जबकि पीपीपी 54 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने भी 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में लड़ी गई 265 सीटों में से 133 सीटें चाहिए होंगी। कुल मिलाकर, संसद के निचले सदन की 336 सीटों में से 266 सीटों के लिए चुनाव हुए थे। अन्य 60 सीटें महिलाओं के लिए और 10 सीटें अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित थीं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने पिछले महीने हुए आम चुनाव के बाद शुरुआत में 75 सीटों पर जीत दर्ज की थी और उसमें नौ निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हुए थे। इसे महिलाओं के लिए 19 आरक्षित सीटें और अल्पसंख्यकों के लिए चार आरक्षित सीटें आवंटित की गईं, जिससे इसकी कुल संख्या 107 हो गई थी।

पीटीआई समर्थित अंतरिम सुरक्षा परिषद (आईएससी) को आरक्षित सीटें देने से ईसीपी के इनकार के बाद तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ नीत पीएमएल-एन को महिलाओं के लिए आरक्षित 20 सीटों में से 15 सीटें और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित तीन सीटों में से एक सीट आवंटित की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 123 सीट के साथ नेशनल असेंबली में नवाज शरीफ की पार्टी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को मिली सीटों की संख्या भी पहले की 68 सीटों से बढ़कर 73 हो गई है। पूर्व वित्त मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी के नेतृत्व वाली पार्टी ने शुरू में 54 सामान्य सीटें जीतीं और उसे अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित 12 सीटें और महिलाओं के लिए दो सीटें आवंटित की गईं। इसके बाद इसे महिलाओं के लिए आरक्षित चार और अल्पसंख्यकों के लिए एक सीट आवंटित की गई थी।

मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) पार्टी के नेशनल असेंबली में 22 सदस्य हैं जबकि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के सांसदों की संख्या सात से बढ़कर 11 हो गई है।