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मुरादाबाद: हवाई पट्टी से एयरपोर्ट तक के सफर में लग गए 10 साल

मुरादाबाद हवाई अड्डे का लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी आजमगढ़ से वर्चुअल तौर पर करेंगे। इसके साथ ही लखनऊ के लिए उड़ान सेवा शुरू कर दी जाएगी। मुरादाबाद से हवाई सेवा शुरू करने की कारोबारियों और जनप्रतिनिधियों की दस साल पुरानी मांग आज पूरी हो जाएगी।

मुरादाबाद हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ पीतलनगरी विकास का नया अध्याय लिखने जा रही है। एक दौर ऐसा भी था जब यहां सिर्फ हवाई पट्टी हुआ करती थी। 2014 में प्रदेश सरकार व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने के लिए एमओयू साइन हुआ था। इसके बाद देरी, घोटाला, निलंबन, एनओसी समेत कई बाधाएं आईं और उड़ान की उम्मीदों को पंख लगने में एक दशक लग गया। 21 करोड़ रुपये की लागत से करीब 52 हेक्टेयर भूमि पर हवाई अड्डा बनाने की मंजूरी फरवरी 2014 में मिली थी।

इसके बाद 2015 में निर्माण शुरू हुआ। निर्माण होते-होते चार साल लग गए। कभी बजट देरी से मिलना तो कभी राजकीय निर्माण निगम की लापरवाही के चलते काम समय पर पूरा नहीं हो पाया। जब काम पूरा हुआ तो निर्माण निगम के इंजीनियरों ने रनवे के आसपास भराव के लिए मिट्टी की कीमत में खेल कर दिया। लापरवाही सामने आई तो 2019 में तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने तीन इंजीनियरों को निलंबित किया। इसके बाद कोरोना के कारण निर्माण रुक गया। स्थिति यह हुई कि बाउंड्रीवॉल तोड़कर आसपास के गांवों के युवा रनवे पर दौड़ लगाने लगे। वहां दौड़ की प्रतियोगिताएं आयोजित होने लगीं। प्रशासन ने सख्ती कर बाउंड्रीवॉल को दोबारा बनवाया।

एनओसी व रनवे का घर्षण बना था बाधा
जनवरी 2022 में हवाई अड्डे को लाइसेंस मिल सकता था, लेकिन रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय व पर्यावरण एवं वन विभाग की एनओसी न होने के कारण लाइसेंस अटक गया। फरवरी 2023 में ये तीनों एनओसी एएआई को मिल गईं। अगस्त 2023 में रनवे के घर्षण की परीक्षण के लिए स्पेशल कार दौड़ाई गई तो घर्षण मानक से अधिक पाया गया। इससे लाइसेंस फिर अटक गया। रनवे पर परत बिछाने के बाद एएआई ने फिर डीजीसीए को पत्र भेजा गया। तमाम बाधाओं को पार कर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों की लगातार मेहनत के बाद 17 नवंबर 2023 को लाइसेंस मिला।

इंडोनेशिया के पायलट उड़ाएंगे 19 सीटर विमान
इंडोनेशिया के पायलट मुरादाबाद से 19 सीटर विमान उड़ाएंगे। बिग चार्टर (फ्लाई बिग) कंपनी के डिप्टी चीफ ऑफ फ्लाइट सेफ्टी अजय चंद्र चौधरी व भवानी शंकर हवाई अड्डे का जायजा ले चुके हैं। उनके साथ यूगोस्लाविया के पायलट कैप्टन केनन भी यहां आए थे। केनन 180 सीटर विमान के पायलट हैं और ऑपरेशनल मामलों के विशेषज्ञ भी हैं। रनवे, एटीसी व ऑपरेशनल एरिया देखने के बाद कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि चेक इन, सुरक्षा व संचालन के लिए स्टाफ तैनात कर रहे हैं।

इंडोनेशिया के पायलटों को उड़ान की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। बिग चार्टर कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि सस्ती दरों में यात्रियों को फ्लाइट उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य है। ये कंपनी उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी विमानन सेवाएं दे रही है।

मुरादाबाद से उड़ने वाले छोटे विमानों में शौचालय की सुविधा नहीं रहेगी। बीमार यात्रियों को ऐसे में थोड़ी सी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। विमान छोटे होने के अलावा यात्रा का समय भी एक से डेढ़ घंटा ही रहेगा। ऐसे में हवाई जहाज में लोगों को सिर्फ सफर की सुविधा मिलेगी। खानपान, मनोरंजन आदि अन्य सुविधाएं हवाई अड्डे पर उपलब्ध होंगी।

एटीसी टावर से मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी
अब तक जिला प्रशासन को मौसम का सटीक अनुमान पंतनगर विश्वविद्यालय से मिल पाता था। हवाई अड्डे पर बने एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर से मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी। इतना ही नहीं वहां बैठकर परिचालन टीम विमान के पायलटों को निर्देशित करने के अलावा देश के किसी भी हवाई अड्डे के एटीसी टावर में संपर्क साध सकेगी। इसकी आजमाइश कई बार की जा चुकी है। जल्द ही हवाई अड्डे पर विमान लाए जाएंगे।