पिछले साल 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में गोलीकांड मामले में पश्चिम रेलवे के मुंबई डिवीजन के आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त एसकेएस राठौड़ ने दो पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है।
पश्चिम रेलवे के मुंबई डिवीजन के आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त एसकेएस राठौड़ ने दो पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। शुक्रवार को जारी आदेश के पुलिस कर्मियों पर कर्तव्य का निर्वहन न करने का हवाला दिया गया है।
दोबारा न हो इस तरह की घटना- राठौड़
शुक्रवार को जारी आदेश के मुताबिक, यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना ड्यूटी पर तैनात आरोपी कांस्टेबलों की जिम्मेदारी थी। हालांकि, वे ऐसा करने में विफल रहे। आरोपी कांस्टेबलों के कृत्य से यात्रियों के बीच आरपीएफ के प्रति विश्वास कम होगा और बल के अन्य सदस्यों के बीच अनुशासनहीनता के प्रति गलत संदेश जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसलिए किए उन्हें बर्खास्त किया गया।
यात्रियों की मदद करने के बजाए छिपे पुलिस कर्मी
पुलिस कर्मियों के बर्खास्तगी आदेश में कहा गया है कि चेतन सिंह चौधरी ने उनके सामने बंदूक की नोंक पर एक यात्री को बंधक बना लिया, उसे दूसरे कोच में ले गए और उसकी हत्या कर दी। इसमें कहा गया है कि सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों से पता चला है कि अन्य पुलिस कर्मी हस्तक्षेप करने के बजाए अन्य यात्रियों के पीछे जा छिपे थे। इस बीच, चेतन सिंह चौधरी के वकील अमित मिश्रा ने अदालत का रुख कर उन्हें मुंबई या ठाणे की किसी जेल में स्थानांतरित करने की मांग की है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के दो कांस्टेबल, जो पिछले साल 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में थे, जब कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी ने कथित तौर पर एक वरिष्ठ सहकर्मी और तीन यात्रियों को गोली मार दी थी, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। वर्तमान में अकोला जेल में हैं। घटना के कथित वीडियो क्लिप के मुताबिक, चार लोगों की हत्या करने के बाद आरोपी ने नफरत भरा भाषण दिया था।
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