फिच रेटिंग एजेंसी ने अपनी मार्च आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 25 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। इसमें 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को चालू और अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित किया है। एजेंसी को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था अपने मजबूत विस्तार को जारी रखेगी। हालांकि, एजेंसी ने चीन के लिए अपने पूर्वानुमान को कम कर दिया है। कंपनी ने इसके पीछे चीन में रहे संपत्ति संकट का तर्क दिया है।
फिच रेटिंग एजेंसी ने अपनी मार्च आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 25 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। इसमें 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “चीन से इतर उभरते बाजारों के लिए संभावनाएं भी उज्ज्वल हुई हैं, विशेष रूप से भारत में, जहां हम अब वित्त वर्ष 24 में जीडीपी के 7.8% और वित्त वर्ष 25 में 7.0% तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।”
भारत सरकार ने भी हाल ही में वित्त वर्ष 24 की जीडीपी वृद्धि के पूर्वानुमान को पहले के 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया है। फिच को उम्मीद है कि व्यापार और उपभोक्ता विश्वास के निरंतर स्तर के बीच घरेलू मांग, विशेष रूप से निवेश, भारत में विकास का मुख्य चालक होगा।
फिच ने कहा, “हमारे पूर्वानुमान बताते हैं कि अल्पावधि में वृद्धि अर्थव्यवस्था की अनुमानित क्षमता को पीछे छोड़ देगी और फिर गतिविधियों की वृद्धि की गति वित्त वर्ष 2025 में नरम रहेगी और वास्तविक जीडीपी 6.5 प्रतिशत बढ़ेगी। भारत में खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी महीने में 5.1 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रही।” फिच ने लिखा, “इससे पता चलता है कि खाद्य कीमतों में कमी आई है इससे आने वाले समय मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के 2-6% लक्ष्य बैंड के 4% मध्य बिंदु तक पहुंच जाएगी।”
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