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भूपेश ने महादेव एप के अभी भी संचालित होने का लगाया आरोप

रायपुर 17 मार्च।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने महादेव एप के अभी भी संचालित होने पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि इसके संचालकों से मोदी सरकार एवं भाजपा की साठगांठ हैं।

     श्री बघेल ने आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में अपने ऊपर छत्तीसगढ़ के ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज किए जाने के एक पखवारे बाद उसके खुलासे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हे सत्ता से हटे चार माह हो चुके है और मोदी की गारंटी और साय के सुशासन के बीच महादेव एप का संचालन जारी है।बगैर साठगांठ के यह संभव नही है।उन्होने कहा कि इलेक्टोरेल बान्ड में भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा सट्टेबाजी करने वाली कम्पनी ने दिया है,तो इससे उनके सम्बन्धों का अंदाजा लगाया जा सकता है।   

     उन्होने कहा कि उनके शासनकाल में छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य था जहां पर महादेव एप को लेकर कार्रवाई की गई। वर्ष 2022 में पहला एफआईआर दुर्ग में दर्ज किया गया,उसके बाद राज्यभर में 450 एफआईआर दर्ज किए गए और ओडिशा,पश्चिम बंगाल समेत कई स्थानों से 450 गिरफ्तारियां की गई।बड़ी संख्या में मोबाइल लैपटाप आदि भी बरामद किए गए।जुआ निषेध अधिनियम लचीला था लिहाजा उसे विधानसभा में विधेयक पारित कराकर और कड़ा बनाया गया।इसके संचालकों की गिरफ्तारी के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया।

    श्री बघेल ने कहा कि केन्द्रीय एजेन्सियों ने 2021 से ही राज्य में डेरा डाल रखा था और पूरी कोशिश उनके द्वारा की गई कि कोई तो उनका नाम ले ले लेकिन उऩ्हे कामयाबी नही मिली।अब जबकि कांग्रेस ने उन्हे राजनांदगांव संसदीय सीट से टिकट दिया और वह मजबूती से वह मैदान में है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर डराने की कोशिश हैं।उन्होने कहा कि वह इस तरह के हथकंड़ों से डरने वाले नही है।उन्होने कहा कि ईओडब्ल्यू अगर उन्हे पूछताछ के लिए बुलाती है तो जरूर जायेंगे।

    उन्होने एफआईआर में ..वैधानिक कार्रवाई को रोकने के लिए विभिन्न पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों तथा प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त करने..के उल्लेख पर सवाल किया कि जब इन विभिन्न लोगो में किसी का नाम नही हैं तो छत्तीसगढ़ पुलिस को मेरा ही नाम दर्ज करने की क्यों सूझी।अगर ईओडब्ल्यू के पास इन विभिन्न लोंगो के नाम थे तो उनके नाम एफआईआर में क्यों नही है।

   श्री बघेल ने कहा कि पहले छापे डालवाना फिर उनसे मोटा चंदा वसूलना भाजपा और मोदी सरकार की फितरत में हैं। इलेक्टोरेल बान्ड के अभी तक हुए खुलासे में साफ हुआ हैं कि 14 ऐसी कम्पनियां है जिनके यहां पहले छापे की कार्रवाई हुई बाद में उन्होने भाजपा को मोटी रकम का चंदा दिया।