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सेहत को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है हार्मोनल उतार-चढ़ाव

लाइफस्टाइल और हार्मोन एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं जैसे ही एक बिगड़ता है तो दूसरे पर भी इसका प्रभाव पड़ने लगता है लेकिन थोड़ी सी कोशिश यानी लाइफस्टाइल में सुधार कर हर्मोन्स में होने वाले उतार-चढ़ावों को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। आइए जान लेते हैं किस तरह के बदलावों की है जरूरत इन दोनों को दुरुस्त रखने के लिए।

आपकी लाइफस्टाइल का सीधा कनेक्शन आपकी सेहत से है। अगर ये सही नहीं, तो इससे सेहत से जुड़ी कई सारी समस्याएं परेशान कर सकती हैं, साथ ही हार्मोन्स भी असंतुलित हो जाते हैं। हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव मतलब वजन में बदलाव, इनफर्टिलिटी, अनियमित पीरियड्स, पाचन के साथ स्किन और बालों से जुड़ी समस्याएं परेशानाएं भी परेशान कर सकती हैं। फिर इन्हें दूर करने के लिए लोग कई सारी की दवाओं का सेवन करते हैं, जिसके अलग तरह के प्रभाव शरीर पर देखने को मिलते हैं। फिजिकल परेशानी मेंटल हेल्थ को भी धीरे-धीरे प्रभावित करने लगती हैं। ऐसे में अगर आप लाइफस्टाइल को सही कर लेंगे, तो ये सारी प्रॉब्लम्स को हैंडल करना इतना मुश्किल नहीं होता, जान लें यहां इसके बारे में।

एक्सरसाइज जरूर करें
बॉडी को एक्टिव रखना है बहुत जरूरी। इससे न सिर्फ आप फिजिकली बल्कि मेंटली भी हेल्दी रहते हैं, साथ ही हार्मोन्स भी बैंलेंस रहते हैं। रोजाना वर्कआउट करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। इससे मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले हार्मोन्स का स्तर बढ़ता है। टेस्टोस्टेरोन, आईजीएफ-1 और ग्रोथ हार्मोन उम्र के साथ कम होने लगते हैं, लेकिन व्यायाम से इनका लेवल बना रहता है। एक्सरसाइज से इंसुलिन रेसिस्टेंस कम होता है और इंसुलिन का फंक्शन इंप्रूव होता है। जिसके कारण आप डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट रोगों से बचे रहते हैं।

कम करें चीनी
मीठी चीज़ें खाने में तो बहुत टेस्टी लगती हैं, लेकिन यह आपके हार्मोन बैलेंस को खराब कर सकती है। मोटापे, डायबिटीज के साथ ही यह कई गंभीर रोगों की भी वजह बन सकता है। चीनी से फ्रुक्टोज मिलता है। लंबे समय तक फ्रुक्टोज का सेवन करने से गट माइक्रोबायोम बाधित होता है। यह सीधे तौर पर हार्मोन के बैलेंस को बिगाड़ देता है। फ्रुक्टोज शरीर में लेप्टिन के उत्पादन को बढ़ने से रोकता है, जिसके कारण वजन बढ़ता है। कोल्ड्र ड्रिंक्स, पैक्ड फ्रूट जूस, एनर्जी ड्रिंक्स, चॉकलेट केक, मिठाइयों में बहुत ज्यादा चीनी होती है। ऐसे में इनका सेवन कम से कम करें।

हेल्दी फूड खाएं
आपकी डाइट और हार्मोन का गहरा रिश्ता है। इसलिए हमेशा हेल्दी डाइट पर फोकस करें। नेचुरल फैट खाने की कोशिश करें। इससे आपको भूख कम लगेगी और इंसुलिन कंट्रोल होगा। ओमेगा- 3 जैसे हेल्दी फैट एंटी इन्फ्लेमेट्री गुणों से भरे होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं। ओमेगा-3 कार्टिसोल के लेवल को भी कम करता है। डाइट में एवॉकाडो, बादाम, नट्स, मूंगफली, फैटी फिश, ऑलिव ऑयल, नारियल को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। महिला व पुरुष दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए एस्ट्रोजन हार्मोन महत्वपूर्ण होता है। यह ब्लड शुगर कंट्रोल करने से लेकर हड्डियों को मजबूत बनाने और दिल को दुरुस्त रखता है।

अच्छी नींद है बेहद जरूरी
सबसे जरूरी बात आप कितना ही डाइट पर ध्यान क्यों न दें या रेगुलर एक्सरसाइज क्यों न करें, लेकिन अगर आपकी नींद में कमी रहती है, तो यह आपके हर्मोन को भी डिस्टर्ब कर सकती है। कम सोना यानी कार्टिसोल, लेप्टिन, ग्रेलिन साथ में इंसुलिन इन सभी के असंतुलन का कारण। इसलिए किसी भी प्रकार के हार्मोनल असंतुलन से बचने के लिए जरूरी है कि कम से कम 8 घंटे की नींद पूरी करें।

टेंशन न लें
वैसे तो आजकल सभी की जिंदगी में कोई न कोई टेंशन है, लेकिन कोशिश करें कि इसे खुद पर हावी न होने दें। तनाव आपके हार्मोन को नुकसान पहुंचाता है। तनाव शरीर में कार्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ा देता है, जिसके कारण आपको ज्यादा भूख लगती है। आपको मीठा खाने का दिल करता है, जिससे मोटापा बढ़ता है। रोजाना एक्सरसाइज, मेडिटेशन, पसंद का म्यूजिक सुनकर आप कार्टिसोल के स्तर को कम कर सकते हैं।