प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आज रेल्वे स्टेशन में यात्रियों से मिलकर उनकी परेशानियों को जाना। इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए ट्रेन कैंसिल को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आज रेल्वे स्टेशन में यात्रियों से मिलकर उनकी परेशानियों को जाना। इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए ट्रेन कैंसिल को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि रेल्वे स्टेशन, यह रेल नरेन्द्र मोदी सरकार की विफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है। इस संबंध में उन्होंने ने मीडिया चर्चा की।
पीसीसी चीप बैज ने कहा कि गर्मी की छुट्टियां चल रही है, शादी-ब्याह का सीजन है, लोग महीनों पहले टिकिट बुक करवा कर रखे है, लेकिन यात्रा के दिन ट्रेनों के रद्द होने का फर्मान जारी हो जाता है। अकेले रायपुर रेलवे स्टेशन में प्रतिदिन हजारों यात्री ट्रेनों के लेट लतीफी और रद्द होने के कारण परेशान है। वर्तमान में एक बार फिर 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। 40 ट्रेने पहले से रद्द है। देश में आज कोई भी ट्रेन नहीं है, जो समय पर गंतव्य के लिये चलती हो घंटो लेट लतीफी भारतीय रेल की पहचान बन गयी है।
उन्होंने इसे मोदी सरकार की तानाशाही और छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया बताया है। पिछले 3 साल से अधिक समय से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 62 हजार ट्रेनों को बिना किसी ठोस कारण के रद्द किया जाता है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने का मतलब यात्री ट्रेनों को बंद करने के षड़यंत्र करने का समर्थन करना होगा। रेलवे को बचाने के लिए आवश्यक है कि देश से मोदी सरकार की विदाई की जाये। देश की आजादी के बाद ऐसी स्थिति केवल मोदी सरकार में आई है। जहां रेलवे की यात्री सुविधाएं इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गयी है।
उन्होंने कहा कि यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर, कभी कोई और कारण बता कर यह विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोग रेलवे से ऊब जाये और रेल को भी मोदी अपने उद्योगपति मित्र अडानी के हवाले कर सके। बुजुर्गो, बच्चों, विकलांगों को मिलने वाली सुविधा को मोदी सरकार ने मुनाफाखोरी के चक्कर में बंद कर दिया। मोदी सरकार के पहले की केंद्र सरकारें घाटा उठा कर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रही।
बैज ने कहा कि आजादी के बाद से रेलवे का अलग बजट बनाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है और बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके। इसका रास्ता बना रही है। ऐसा इसलिये कि यात्री ट्रेनों की अपेक्षा माल भाड़े में रेलवे को 300 से 400 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा मिलता है। 2014 से पहले कांग्रेस की सरकारों ने रेल्वे लाइनों का विस्तार किया, दोहरी और तीसरी लाइने बिछी, बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिफिकेशन के काम हुये तब ट्रेने बाधित नही की लेकिन मेंटेंनेश का बहाना कर मोदी सरकार दुर्भावनापूर्वक यात्रियों को प्रताड़ित कर रही है। यात्री रेल और रेल सुविधा को बचाने के लिये यह आवश्यक है कि भाजपा और मोदी के खिलाफ मतदान किया जाये।