सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ बदायूं के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। मायावती पर की अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप शिवपाल सिंह पर लगा है।
बसपा सुप्रीमो मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव फंस गए हैं। बदायूं के सिविल लाइंस थाने में शिवपाल यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। बसपा जिलाध्यक्ष आरपी त्यागी की ओर से थाने में दी गई तहरीर के आधार पर अपशब्द कहने और द्वेष बढ़ाने की धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
बसपा जिलाध्यक्ष का आरोप है कि शिवपाल सिंह यादव ने अपने बेटे आदित्य यादव की हार के डर की बौखलाहट में एक कार्यक्रम के दौरान मायावती के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है।
इस वीडियो को उन्होंने और पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं ने तीन मई को देखा। इससे बहुजन समाज के करोड़ों लोगों की भावना को ठेस पहुंची है। उन्होंने बताया कि शिवपाल यादव के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर बसपा का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को थाने पहुंचा था।
तब पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर लौटा दिया था। वीडियो क्लिप सौंपे जाने के बाद रविवार रात शिवपाल यादव के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। त्यागी ने यह भी आरोप लगाया कि शिवपाल सिंह का बयान महिलाओं के सम्मान के खिलाफ है।
मतदान से पहले बढ़ा सियासी पारा
बता दें कि बदायूं लोकसभा सीट से इस बार शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा ने यहां से पूर्व विधायक मुस्लिम खां पर दांव खेला है। भाजपा ने दुर्विजय सिंह शाक्त को प्रत्याशी बनाया है।
सात मई को लोकसभा क्षेत्र में मतदान होना है। इससे पहले बदायूं में सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है। शिवपाल यादव ने रविवार को पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। सपा ने कहा कि पुलिस सपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को बेवजह परेशान कर रही है।
सपा महासचिव ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र भेजकर थाना प्रभारियों की शिकायत की है। दमन रोकने और चुनाव ड्यूटी से हटाने का आग्रह आयोग से किया है। इधर, अमर्यादित टिप्पणी के मामले में शिवपाल यादव की मुश्किलें भी बढ़ गईं।
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