रायपुर 09अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ रहा है।
डा.सिंह ने आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजधानी के इंडोर स्टेडियम में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वनों की रक्षा कर प्रकृति के संरक्षण में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान है।उन्होंने कहा कि राज्य शासन के बजट का 35 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए खर्च किया जाता है।दंतेवाड़ा का जावंगा एजुकेशन हब आदिवासी बच्चों की शिक्षा का देश में सबसे बेहतर मॉडल है।डॉ.सिंह ने इस अवसर अमर शहीद वीर नारायण सिंह, गुण्डाधूर, रानी दुर्गावती और गैंद सिंह सहित अनाम शहीदों को भी याद किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आदिवासी समाज सहित विभिन्न समाजों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों, प्रयास विद्यालयों के आई.आई.टी., एन.आई.टी., मेडिकल कॉलेज के लिए चयनित विद्यार्थियों, संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयनित युवाओं, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले समाज के प्रतिभाशाली लोगों और विभिन्न समाज प्रमुखों को सम्मानित किया।
डा.सिंह ने खाद्यान्न सुरक्षा योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ में कोई भी भूखा नही सोता। राज्य सरकार ने वनवासियों के पैर में गड़ने वाले कांटे की भी चिंता की है। राज्य शासन द्वारा लगभग 14 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुकाएं वितरित की जाती है। शिक्षा के माध्यम से पीढ़ियों के निर्माण का कार्य राज्य सरकार कर रही है।दंतेवाड़ा का जावंगा एजुकेशन हब देश का आदिवासी बच्चों की शिक्षा का सबसे बेहतर मॉडल है। बस्तर के बच्चे शिक्षित होकर शिक्षक बनने की कल्पना करते थे, लेकिन आज यहां के बच्चे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं और संघ लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में सफल होकर प्रशासनिक पदों पर पहुंच रहे है।
कार्यक्रम में अबूझमाड़ के बच्चों द्वारा मल्लखम्भ के उत्कृष्ट प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 22 जनजातीय समूहों के उच्चारण विभेदों और मात्रात्मक त्रुटियों को सुधारा गया है, जिससे इन जनजातीय समूहों के लगभग 40 लाख लोगों के जाति प्रमाण पत्र बनने में आ रही दिक्कते दूर हुई हैं।
आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप ने आदिवासी समाज के लिए संचालित राज्य शासन की योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि साढ़े चार लाख वनवासियों को वन अधिकार पट्टे वितरित किए गए हैं। आज बस्तर के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर बन रहे हैं और उच्च प्रशासनिक पदों पर चयनित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आदिवासी समाज लगातार आगे बढ़ रहा है। वन मंत्री श्री महेश गागड़ा ने कहा कि हमारी संस्कृति हमारी पहचान है। समाज के लोग अपनी गौरवशाली संस्कृति को बनाए रखें। उन्होंने भी राज्य शासन की कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया। समारोह को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री जी.आर. राना ने भी सम्बोधित किया।