राज्यपाल नौ दिनों से गर्मी के कारण ताकीद कर रहे थे। बुधवार को गर्मी ने अति कर दिया तो 19 जिलों से करीब 350 बच्चे-शिक्षकों के बीमार होने की खबरें आईं। तब सीएम नीतीश कुमार ने आदेश दिया। आज, आदेश की हकीकत देखिए।
बिहार को नौतपा तपा रहा है और शिक्षकों को उनके विभाग के चर्चित अधिकारी का आदेश। 42 से 48 डिग्री तापमान के बीच जब राज्य के अलग-अलग जिलों के विद्यालयों में बच्चे-शिक्षक समेत 337 लोग बीमार हुए तो सीएम नीतीश कुमार ने एक आदेश जारी किया। इसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया कि एक से आठवीं कक्षा तक सभी सरकारी और निजी स्कूल, आंगनबाड़ी और कोचिंग बंद रहेंगे। आदेश जारी होने के बाद शिक्षा विभाग की ओर से नया आदेश जारी किया गया। इसमें कहा गया कि 30 मई से आठ जून तक सभी विद्यालयों में शिक्षण कार्य बंद रहेंगे। लेकिन, सभी प्रभारी, प्रधानाध्यापक, शिक्षक को स्कूल आना होगा। उन्हें सुबह छह बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक स्कूल में रहना होगा।
कई शिक्षकों की भी तबीयत बिगड़ रही है
शिक्षकों को शिक्षा विभाग की ओर से गैर शैक्षणिक कार्य जैसे बच्चों का एडमिशन, ई-शिक्षाकोश पर बच्चों को एंट्री, विद्यालय में असैनिक कार्य, बच्चों का आधार बनाने का काम करना होगा। इस आदेश के बाद शिक्षकों में काफी आक्रोश है। भीषण गर्मी में कई शिक्षकों की भी तबीयत बिगड़ रही है। नालंदा के थरथरी के पुरंदर बिगहा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक सुरेंद्र प्रसाद की मौत हो गई। खगड़िया शहर स्थित उत्तरी हाजीपुर मध्य विद्यालय के एक शिक्षक ने बताया कि गर्मी के कारण उनके स्कूल के दो शिक्षक बीमार हो गए हैं। जिनका इलाज कराया जा रहा है।
दरभंगा में भीषण गर्मी के बीच स्कूल में काम करते दिखे शिक्षक
दरभंगा में भीषण गर्मी के बीच शिक्षकों को स्कूल आना पड़ा। शिक्षकों ने बताया कि गैर शैक्षणिक कार्यो का निपटारा करना पड़ रहा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर शिक्षकों ने साफ-साफ कहा कि अधिकारियों द्वारा दो तरह का रवैया अपनाया जा रहा है। इस छुट्टी के दौरान हमलोग स्कूल में चल रहे भवन निर्माण के कार्य बेंच डेस्क और बच्चों की कॉपी मूल्यांकन का काम कर रहे।