विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस का मानना है कि “इतिहास खुद को दोहरा रहा है, क्योंकि तम्बाकू उद्योग हमारे बच्चों को एक ही निकोटीन को अलग-अलग पैकेजिंग में बेचने की कोशिश कर रहा है। ये उद्योग सक्रिय रूप से स्कूलों, बच्चों और युवाओं को नए उत्पादों के साथ लक्षित कर रहे हैं जो अनिवार्य रूप से कैंडी-स्वाद वाले जाल हैं। जब वे बच्चों को इन खतरनाक, अत्यधिक नशे की लत वाले उत्पादों का विपणन कर रहे हैं, तो वे नुकसान कम करने की बात कैसे कर सकते हैं?” तम्बाकू किसी भी रूप में हो, घातक है।
इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम है – ‘बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना’। तंबाकू उद्योग अपने नए फलों और कैंडी के स्वाद वाले तंबाकू और निकोटीन उत्पादों को आकर्षक पैकेजिंग में पेश कर के और उनके कम हानिकारक होने का झूठा दावा कर के दुनिया भर के युवाओं को जीवन भर के लिए तम्बाकू सेवन की खतरनाक लत में फंसा रहा है।
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि तम्बाकू अपने आधे उपयोगकर्ताओं को समय से पहले ही मार देता है। भारत में तम्बाकू के सेवन के कारण हर दिन लगभग 3600 लोग मरते हैं। नये उपभोक्ताओं को खोजने और आजीवन मुनाफ़ा कमाने के लिए, तम्बाकू उद्योग युवा पीढ़ी को लक्षित कर रहा है।
भारत के वैश्विक युवा तम्बाकू सर्वेक्षण 2019 में पाया गया कि 13-15 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले बच्चों में तम्बाकू का प्रचलन 8.4% था। सर्वेक्षण के निष्कर्ष यह भी बताते हैं कि अपना सातवाँ जन्मदिन मनाने से पहले ही 11.4% बच्चे सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं, 17.2% बीड़ी पीना शुरू कर देते हैं और 24% धुआँ रहित तम्बाकू उत्पादों का उपयोग करना शुरू कर देते हैं। भारत ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध सहित तम्बाकू के उपयोग को कम करने के लिए व्यापक उपाय किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ई-सिगरेट की बिक्री और विज्ञापन से संबंधित उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म स्थापित करने में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का समर्थन किया है।
भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ऑफ्रिन ने कहा की “तम्बाकू उद्योग युवाओं को आकर्षित करने के लिए नए मीडिया टूल और हानि रहित दिखने वाले (परंतु वास्तव में जानलेवा) उत्पादों को आकर्षक मार्केटिंग अभियानों के ज़रिये बेच कर युवाओं में नशे की एक नई लहर पैदा कर रहा है। इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर, भारत में डब्ल्यूएचओ का कार्यालय एक जागरूकता अभियान शुरू कर रहा है, जिसमें नई पीढ़ी के उपयोगकर्ताओं को लुभाने के लिए उद्योग की चालों को उजागर किया जाएगा।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैश्विक तंबाकू उद्योग पर नजर रखने वाली संस्था STOP द्वारा संयुक्त रूप से जारी की गई नई रिपोर्ट “हुकिंग द नेक्स्ट जेनरेशन” इस बात पर प्रकाश डालती है कि तंबाकू उद्योग किस तरह से अपने उत्पादों को डिजाइन करता है, मार्केटिंग अभियान लागू करता है और युवाओं में तंबाकू की लत लगाने में मदद करने के लिए नीतियों को प्रभावित करता है। 2022 के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर, अनुमानित 3.7 करोड़ 13-15 वर्ष की आयु के बच्चे किसी न किसी रूप में तंबाकू का उपयोग करते हैं और कई देशों में किशोरों में ई-सिगरेट के उपयोग की दर वयस्कों से अधिक है। 15-30 वर्ष के 85% बच्चे कई मीडिया प्लेटफॉर्म पर ई-सिगरेट के विज्ञापनों के संपर्क में हैं और संपर्क की उच्च दर ई-सिगरेट के उपयोग की उच्च दर से जुड़ी हुई है।
डब्ल्यूएचओ के यूरोपीय क्षेत्र में 13-15 वर्ष की आयु के 40 लाख बच्चे – 11.5% लड़के और 10.1% लड़कियाँ – तम्बाकू का उपयोग करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और निकोटीन पाउच युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। अनुमान है कि 2022 में इस क्षेत्र के 12.5% किशोर ई-सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं, जबकि वयस्कों में यह संख्या 2% है। क्षेत्र के कुछ देशों में, स्कूली बच्चों में ई-सिगरेट के उपयोग की दर सिगरेट पीने की दर से 2-3 गुना अधिक है।
हाल ही में तम्बाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बच्चों की सुरक्षा पर बैंकॉक में आसियान देशों द्वारा आयोजित कार्यशाला में सरकारी अधिकारियों, स्वास्थ्य अधिवक्ताओं और युवा नेताओं ने बच्चों और युवाओं को तम्बाकू उद्योग की चालों से बचाने के लिए सहयोग करने की आवश्यकता दोहराई। एशिया और विश्व स्तर पर, युवा वर्ग में इलेक्ट्रॉनिक धूम्रपान उपकरणों (ईएसडी) का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। मलेशिया में, किशोरों (13-15 वर्ष की आयु) में ई-सिगरेट के उपयोग का प्रचलन लड़कों के लिए 23.5% और लड़कियों के लिए 6.2% (2022) है। थाईलैंड में, 2022 में 20.2% लड़के और 15% लड़कियाँ ईएसडी का उपयोग कर रहे थे।
यह झूठा दावा करते हुए कि ईएसडी धूम्रपान करने वालों को सिगरेट पीना छोड़ने में मदद करता है, तम्बाकू उद्योग इन नए उत्पादों को 16,000 से अधिक कैंडी और फलों के स्वादों में उपलब्ध कराता है, और युवाओं को जीवन भर निकोटीन की लत में फंसाने के लिए उन्हें बढ़ावा देता है।
थाईलैंड के एक्शन ऑन स्मोकिंग एंड हेल्थ के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. प्रकित वाथेसाटोगकिट ने कहा कि “तंबाकू उद्योग यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी करने से नहीं चूकेगा कि उसका नशीला और हानिकारक व्यवसाय जीवित रहे और फलता-फूलता रहे। हमारे बच्चे हमले की चपेट में हैं,” ।
तम्बाकू एटलस के 7वें संस्करण के अनुसार, कई देशों में 13 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों में धूम्रपान की बढ़ती दर के कारण और तम्बाकू उद्योग की पहले से अप्रयुक्त बाजारों में नए उत्पादों को आगे बढ़ाने जैसी रणनीतियों के कारण तम्बाकू का खेल ख़त्म करने की वैश्विक मुहिम ख़तरे में है। सर्वेक्षण किए गए 135 देशों में से 63 देशों में युवा तम्बाकू उपयोग (लड़कियाँ और/या लड़के) में वृद्धि हुई है। इनमें से कई देशों में किशोर लड़कियों में तम्बाकू का उपयोग अब वयस्क महिलाओं की तुलना में अधिक आम हो गया है, जो दर्शाता है कि दुनिया भर में महिलाओं में तम्बाकू का ऐतिहासिक रूप से कम उपयोग निकट भविष्य में जारी नहीं रह पाएगा।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 सरकारों और तंबाकू नियंत्रण समुदायों से वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की रक्षा करने और तंबाकू उद्योग को इससे होने वाले नुकसान के लिए उत्तरदायी ठहराने का आह्वान करता है। हम सभी का यह सतत प्रयास होना चाहिए कि हर दिन सभी के लिए तंबाकू निषेध दिवस हो।
सम्प्रति- लेखिका शोभा शुक्ला, सीएनएस (सिटीज़न न्यूज़ सर्विस) की संस्थापिका-संपादिका हैं और लोरेटो कॉन्वेंट कॉलेज की भौतिक विज्ञान की सेवानिवृत्त शिक्षिका भी रही हैं।