Tuesday , November 12 2024
Home / खास ख़बर / उत्तराखंड में अब हवाई सफर से पहले पता चलेगा मौसम का मिजाज

उत्तराखंड में अब हवाई सफर से पहले पता चलेगा मौसम का मिजाज

उत्तराखंड के मौसम में हुए बदलाव के चलते विभिन्न हेली कंपनियों के चार हेलीकॉप्टर ने एम्स में इमरजेंसी लैंडिंग की थी। इन सभी हेलीकॉप्टर ने चारधाम यात्रा के लिए उड़ान भरी थी। इस तरह की समस्या का सामना दोबारा न करना पड़े इसके लिए मौसम विज्ञान केंद्र और यूकाडा के बीच करार होने वाला है।

उत्तराखंड में पल-पल बदलते मौसम के बीच हवाई सेवा का संचालन करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में चारधाम के लिए हेली सेवा से यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अच्छी खबर है। तीर्थयात्रियों को अब हवाई सफर करने से पहले मौसम का मिजाज पता चल सकेगा।

इसके लिए मौसम विज्ञान केंद्र और उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूकाडा) के बीच करार होने वाला है। करार के तहत केंद्र की ओर से चारधाम यात्रा के उन स्थानों पर उपकरण लगाए जाएंगे जहां से हेली सेवा का संचालन किया जा रहा है।

बीते रोज उत्तराखंड के मौसम में हुए बदलाव के चलते विभिन्न हेली कंपनियों के चार हेलीकॉप्टर ने एम्स में इमरजेंसी लैंडिंग की थी। इन सभी हेलीकॉप्टर ने चारधाम यात्रा के लिए उड़ान भरी थी। ऐसे में अगर मौसम की सटीक जानकारी होती तो हवाई यात्रा को स्थगित किया जा सकता था। इस तरह की समस्या से बचने के लिए मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से करार के संबंध में यूकडा को पत्र भेजा गया है।

चारधाम के मौसम की नहीं मिल रही सटीक जानकारी
चारधाम यात्रा रूट में उपकरण न होने की वजह से मौसम की सटीक जानकारी नहीं मिल रही है। ऐसे में मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से इन स्थानों पर उपकरण लगाने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है। लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी उपकरण न लग पाने से मौसम का सटीक अनुमान नहीं लग पा रहा है। हालांकि, मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से अर्द्ध स्वचालित मशीनें लगाई गई हैं। लेकिन चारधाम यात्रा में होने वाली बर्फबारी के चलते यह खराब हो जाती हैं।

हेली सेवा के संचालन के लिए मौसम की सटीक जानकारी लेने के लिए यूकाडा के साथ मिलकर उपकरण लगाने की योजना है। इस संबंध में यूकाडा को पत्र भेजा गया है। रही बात चारधाम में उपकरण कि तो इस संबंध में भी राज्य सरकार को पत्र भेजा गया है। सरकार के साथ मिलकर ही इन स्थानों पर मौसम के अनुमान के लिए उपकरण लगाए जाने हैं। – बिक्रम सिंह, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र