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चुनावी विज्ञापन की जांच के बाद मिलेगी मीडिया में प्रकाशन-प्रसारण की अनुमति

रायपुर 10 सितम्बर।छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक चुनावी विज्ञापन की जांच के बाद मीडिया में प्रकाशन-प्रसारण की अनुमति मिलेगी।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने निर्वाचन 2018 के लिए मीडिया प्रमाणन और निगरानी के लिए प्रदेश के सभी जिलों के नोडल अधिकारियों को आज मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों द्वारा निष्पादित किए जाने वाले कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि मीडिया प्रमाणन हेतु मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, राजनीतिक संगठन, व्यक्तियों का समूह, ट्रस्ट, एकल प्रत्याशी और कोई अन्य व्यक्ति इनके लिए जरूरी है।

उन्होने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों और समय-समय पर निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के तहत टी.वी चैनल, केबल टी.वी. चैनल, रेडियो (निजी एफ.एम. रेडियो सहित), सिनेमाघर, ई-समाचार पत्र, ब्लक एसएमएस और वाइस मैसेज और सार्वजनिक स्थलों पर उपयोग में लाये जाने वाले दृश्य-श्रव्य माध्यमों के लिए मीडिया प्रमाणन जरूरी है। इस प्रशिक्षण में बताया गया कि सार्वजनिक मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित होने वाले किसी भी राजनीतिक विज्ञापन की जांच के बाद प्रकाशन और प्रसारण की अनुमति देना मीडिया प्रमाणन है।

श्री साहू ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल समूह अथवा प्रत्याशी सार्वजनिक मीडिया में कोई भी विज्ञापन देने से पहले मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति से अनिवार्य रूप से अनुमति लेंगे। केबल टी.वी या किसी भी टी.वी. चैनल पर कोई भी राजनीतिक विज्ञापन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बनाई गई मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति अर्थात् एमसीएमसी द्वारा प्रमाणित करने के बाद ही दिखाए जा सकेंगे। पूर्व प्रमाणन की यह आवश्यकता सभी राजनीतिक दलों, राजनीतिक समूहों और प्रत्याशियों पर न केवल लागू होगी, बल्कि बाध्यकारी भी होगा।