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विधानसभा ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी सहित चार दिवंगत नेताओं को दी श्रद्धांजलि

रायपुर 11 सितम्बर।छत्तीसगढ़ विधानसभा ने आज प्रदेश के पूर्व राज्यपाल बलरामजीदास टण्डन, छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष  सोमनाथ चटर्जी और छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व मंत्री डॉ. रामचन्द्र सिंहदेव को श्रद्धांजलि दी।

विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के आज पहले दिन सदन का कार्यवाही शुरू होते ही  विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने सदस्यों को पूर्व राज्यपाल बलरामजीदास टण्डन, छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्री सोमनाथ चटर्जी और छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व मंत्री डॉ. रामचन्द्र सिंहदेव के विगत दिनों हुए निधन की सूचना दी। अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने चारों विभूतियों का जीवन-परिचय भी प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पूर्व राज्यपाल स्व.बलरामजी दास को याद करते हुए उनके लगभग 65 वर्षों के सार्वजनिक जीवन की विभिन्न उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ.सिंह ने कहा कि राज्यपाल के रूप में श्री टंडन छत्तीसगढ़ के संवैधानिक मुखिया और सदन के अविभाज्य अंग थे। उनका निधन सचमुच बड़ी क्षति है। वह काफी सरल और निश्छल स्वभाव के थे, लेकिन अपने संकल्प में अडिग और हमारे अभिभावक के समान थे।

पूर्व प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता भारतरत्न श्री वाजपेयी मेरे गुरू और पिता-तुल्य थे। उनके निधन से सवा सौ करोड़ भारतीय की तरह मैं भी स्तब्ध और विचलित हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय श्री वाजपेयी ने अपने 50 वर्षों के संसदीय जीवन में अपनी विलक्षण प्रतिभा से पक्ष और विपक्ष दोनों में समान रूप से अपार लोकप्रियता हासिल की। उन्होंने तीन बार वर्ष 1996, 1998 और वर्ष 1999 में प्रधानमंत्री के रूप में देश को अपना कुशल नेतृत्व दिया। उनका सौम्य, प्रेरक और मिलनसार व्यक्तित्व हम सबको हमेशा याद रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माता के रूप में अटल जी की स्मृतियों को संजोए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने नया रायपुर का नामकरण उनके नाम पर अटल नगर किया है। वहां उनके नाम पर एक भव्य स्मारक भी बनाया जाएगा। इसके अलावा बिलासपुर विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर करने का निर्णय लिया गया है। राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज, मण्डवा ताप बिजली परियोजना और रायपुर शहर के एक्सप्रेस-वे का नामकरण भी उनके नाम पर किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की एक बटालियन का नामकरण अटलजी की याद में पोखरण बटालियन करने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने सदन को यह भी बताया कि अटलजी के स्मृति में राज्य सरकार द्वारा ‘सुशासन पुरस्कार’ शुरू किया जाएगा, जो त्रिस्तरीय पंचायतों और शहरी निकायों के लिए होगा। यह पुरस्कार राज्य स्थापना दिवस पर एक नवम्बर को राज्योत्सव में दिया जाएगा।

डॉ.सिंह ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्री चटर्जी का उल्लेख करते हुए कहा कि श्री चटर्जी के निधन से देश ने संसदीय लोकतंत्र के महान चिंतक, विचारक, विद्वान राजनेता, सुयोग्य और अनुभवी प्रशासक तथा कर्मठ जनप्रतिनिधि को हमेशा के लिए खो दिया है। डॉ. सिंह ने कहा-मुझे भी एक सांसद के रूप में उनसे काफी कुछ सीखने और समझने को मिला। सहज-सरल स्वभाव के स्वर्गीय श्री चटर्जी को उनके सादगीपूर्ण व्यक्तित्व और मिलनसार व्यवहार की वजह से समाज के सभी वर्गों और देश के सभी दलों के बीच अत्यंत सम्मानजनक स्थान प्राप्त था।
मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय डॉ. रामचंद्र सिंहदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका सुदीर्घ सार्वजनिक जीवन सभी लोगों के लिए सादगी और शुचिता का प्रेरणादायक उदाहरण रहा। वह एक सजग और कर्मठ जनप्रतिनिधि थे। स्वर्गीय डॉ. सिंहदेव ने लगभग पांच दशक लम्बे सार्वजनिक जीवन में सादगी के साथ जनता की सेवा को अपना लक्ष्य माना और जीवनभर समाज और देश की सेवा में लगे रहे।

नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव, संसदीय कार्यमंत्री अजय चन्द्राकर, कृषि और जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राजस्व और उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, विधायक सर्वश्री भूपेश बघेल, केशव चन्द्रा और डॉ. विमल चोपड़ा ने दिवंगत विभूतियों को याद करते हुए शोकोद्गार प्रकट किए। सदन में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगतों को विनम्र श्रद्धांजलि दी गई।