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भारतीय सेना में पहली बार शामिल किए गए स्वदेशी चिप वाले मोबाइल बेस स्टेशन

भारतीय सेना में पहली बार स्वदेशी चिप आधारित 4जी मोबाइल बेस स्टेशन शामिल किए गए हैं। जिन्हें सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) पोर्टल के जरिये बेंगलुरु स्थित कंपनी सिग्नलट्रान से खरीदा गया है। सेना ने इनकी 20 यूनिट खरीदी हैं।सिग्नलट्रान के संस्थापक हिमांशु खसनीस ने बताया कि सहयाद्रि एलटीई बेस स्टेशनों में इस्तेमाल की गई चिप सिग्नलचिप द्वारा विकसित की गई है।

सेना में पहली बार भारतीय चिप का इस्तेमाल
2010 में खसनीस और उनकी टीम ने 4जी और 5जी नेटव‌र्क्स के लिए चिप बनाने की फैबलेस सेमीकंडक्टर कंपनी सिग्नलचिप की स्थापना की थी। खसनीस ने बताया, “सिग्नलट्रान ने सिग्नलचिप द्वारा 4जी एवं 5जी नेटव‌र्क्स के लिए विकसित भारत की पहली चिप का इस्तेमाल करके पूरी प्रणाली को देश में बनाया है। ऐसा पहली बार है कि जब जटिल संचार प्रौद्योगिकी के लिए भारतीय चिप पर संचालित भारतीय प्रणाली को सेना में शामिल किया गया है। भारतीय चिपों का इस्तेमाल परिचालन के दौरान प्रणाली की सुरक्षा पर उच्चस्तर का नियंत्रण प्रदान करता है।”

स्वदेशी चिप में क्या है खासियत?
उन्होंने बताया कि सहयाद्रि नेटवर्क इन ए बाक्स (एनआईबी) प्रणाली ऑडियो, वीडियो एवं डाटा एप्लीकेशंस के लिए उच्च गुणवत्ता वाला सुरक्षित वायरलेस संचार उपलब्ध कराती है। खसनीस ने बताया कि सहयाद्रि एनआईबी स्टैंडअलोन और सेलुलर दोनों मोड में काम करने में सक्षम है और पुराने एनालॉग व आईपी टेलीफोनी प्रणालियों के साथ निर्बाध इंटर-ऑपरेशन में सक्षम है।

चूंकि ये हल्की (सात किलोग्राम) और मोबाइल यूनिट्स हैं इसलिए इनकी लोकेशन को जरूरत के अनुसार बदला जा सकता है। बता दें कि भारत में अधिकतर बेस स्टेशन स्वदेश निर्मित नहीं हैं। जो भारत में बने भी हैं, उनमें भी स्वदेशी चिप नहीं हैं।