Wednesday , October 16 2024
Home / ब्रेकिंग न्यूज / एमपी : बीना विधायक निर्मला सप्रे के इस्तीफे पर असमंजस

एमपी : बीना विधायक निर्मला सप्रे के इस्तीफे पर असमंजस

बीना की कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे द्वारा कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं हो पाई है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार करने और आधिकारिक रूप से कांग्रेस छोड़ने की घोषणा के बावजूद, उन्होंने अब तक अपनी विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया है। अब निर्मला सप्रे ने 10 अक्टूबर को विधानसभा में अपना जवाब प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया है जिससे यह साबित हो कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा ज्वॉइन की है। उनका यह बयान दलबदल कानून के तहत सदस्यता निरस्त करने के जवाब में आया है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले निर्मला सप्रे ने कांग्रेस से बगावत करते हुए भाजपा के पक्ष में प्रचार किया था और सार्वजनिक तौर पर पार्टी बदलने का ऐलान भी किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ कई जनसभाओं में भाग लिया, लेकिन अभी तक अपनी विधायकी भी नहीं छोड़ी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने 5 जुलाई को दलबदल कानून के तहत निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। सिंघार का तर्क था कि निर्मला सप्रे ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा के पक्ष में प्रचार किया है, जिससे उनकी सदस्यता को निरस्त किया जाना चाहिए।

अब यह मामला विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के पास है, जो जल्द इस मामले में सुनवाई कर सकते है। इस दौरान कांग्रेस से दलबदल के सबूत पेश करने की मांग की जा सकती है। यदि इस मुद्दे पर निर्णय में देरी हुई तो कांग्रेस इस मामले को हाई कोर्ट तक ले जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, स्पीकर को किसी अयोग्यता याचिका पर तीन महीने के भीतर निर्णय करना आवश्यक है। इस मामले में जल्द ही विधानसभा अध्यक्ष द्वारा निर्णय आने की उम्मीद है।