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दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थमा

नई दिल्ली 03 फरवरी। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर आज शाम पांच बजे थम गया।करीब एक महीने तक विभिन्न राजनीतिक संगठनों और प्रत्याशियों द्वारा रैलियों, नुक्कड़ सभाओं और पद-यात्राओं जैसे सार्वजनिक रैलियों के माध्यम से चलाए गए धुआंधार चुनाव किया गया।

   दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों पर पांच फरवरी को मतदान होगा और चुनाव नतीजे आठ फरवरी को आएंगे। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर 699 प्रत्याशी मैदान में हैं। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यत: तीन प्रमुख दलों- सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पार्टी ने एक दूसरे के खिलाफ तीखे हमले किए।

  तीनों पार्टियों के बीच दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने के लिए लोक-लुभावन चुनावी वायदे करने की होड़ देखी गयी। मतदान समाप्त होने से 48 घंटे पहले सार्वजनिक सभाओं और वाहनों के जरिए प्रचार पर प्रतिबंध के नियम लागू होने के बाद आज शाम से प्रत्याशी और पार्टियों के एजेंट घर-घर जा सम्पर्क अभियान करने और मोबाइल ऐप और दूरसंचार माध्यमों से संदेशों के जरिए समर्थन जुटाने में लग गए है।

  इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव को सत्तारूढ़ ‘आप’ के शासन मॉडल और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है। ‘आप’ जहां लगातार तीसरी बार अपना गढ़ बचाने की कोशिश कर रही है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 26 साल का वनवास समाप्त कर सत्ता में वापसी की पूरजोर कोशिश कर रही है। इस तरह से कांग्रेस 12 साल बाद दिल्ली की सत्ता की बागडोर अपने हाथों में लेने के लिए पुरजोर दमखम लगा रही है।

भाजपा ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके सरकारी आवास पर हुए खर्चे को लेकर आप पर हमला किया। भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान श्री केजरीवाल के आवास को प्रमुख मुद्दा बनाया और शीश महल नाम से उसके खिलाफ अभियान चलाया। इसके साथ ही भाजपा यमुना की सफाई, शराब घोटाले को प्रमुख मुद्दा बनाया और आप पर पाठशाला की जगह मधुशाला खोलने का आरोप लगाया।

भाजपा ने आप को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपने 40 स्टार प्रचारकों की फौज उतारी थी, जिसकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल रखी थीं। श्री मोदी ने यहां पर चुनाव प्रचार के दौरान तीन चुनावी रैलियों को संबोधित किया और लोगों से आप-दा को हटाने और भाजपा को शासन में लाने की अपील की।

चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा की ओर से 22 और आम आदमी पार्टी के नौ रैलियां और रोड शो आयोजित किये गये। आप के लिए श्री केजरीवाल और  संजय सिंह सहित तमाम नेताओं ने वोट मांगा। वहीं भाजपा की ओर से  नड्डा और  शाह सहित तमाम बड़े नेताओं ने लोगों से दिल्ली के विकास के लिए भाजपा को वोट देने की अपील की। इस बार कांग्रेस ने शीला दीक्षित के शासन काल में यहां हुए विकास के कार्यों को हवाला देकर लोगों से वोट देने की अपील की हैं।