भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग अपने खेलने वाले दिनों में गेंदबाजों के लिए खौफ थे। सहवाग का फॉर्मूला था कि गेंद दिखे और क्षेत्र में हो तो शॉट खेलो। वीरू की आदत पहली ही गेंद से बाउंड्री जमाने की होती थी।
2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के अहम सदस्य रहे वीरू ने टूर्नामेंट के दौरान अधिकांश मैचों में पहली गेंद पर चौका जमाया था। तब उन्होंने डेल स्टेन, जेम्स एंडरसन और उमर गुल जैसे गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाईं थीं। वीरू ने अक्टूबर 2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा था।
पहले जैसी नहीं रही बात
हालांकि, वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया है कि उनका हैंड-आई कॉर्डिनेशन (हाथ और आंख का सामंजस्य) अब वैसा नहीं रहा कि वो तेज गेंदबाजों का सामना कर सकें। आईएलटी20 में कमेंट्री पैनल का हिस्सा सहवाग ने गुरुवार को मीडियो से बातचीत में कहा कि वो शायद कभी फ्रेंचाइजी लीग में खेलते हुए नजर नहीं आएं क्योंकि अपने सक्रिय दिनों की तुलना में अब उनमें वो बात नहीं रही।
वीरू ने क्या कहा
46 साल के वीरेंद्र सहवाग ने हाल ही में मीडिया से बातचीत की। क्रिकट्रेकर की रिपोर्ट के मुताबिक वीरू ने कहा, ”अगर कोई भारतीय खिलाड़ी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल से रिटायर हुआ है और अगर वो खेलना चाहे तो यह टूर्नामेंट उनके लिए अच्छा मंच है।”
उन्होंने आगे कहा, ”जैसे दिनेश कार्तिक एसए20 खेलने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए। तो हम कुछ भारतीय खिलाड़ियों को आईएलटी20 में खेलते देखना पसंद करेंगे। मैं इस टूर्नामेंट में युवराज सिंह को खेलते देखना पसंद करूंगा। वो सिक्सर किंग हैं। मगर मैं नहीं खेल सकूंगा। मैं अब बूढ़ा हो चुका हूं। मैं तेज गेंदबाजी का अब सामना नहीं कर पाता।”
लीग की तुलना पर क्या बोले वीरू
वीरेंद्र सहवाग से इस दौरान पूछा गया कि विभिन्न टी20 लीग को किस क्रम में रखना पसंद करेंगे। पूर्व ओपनर ने कहा कि वो किसी फ्रेंचाइजी लीग की तुलना करना पसंद नहीं करेंगे क्योंकि सभी लीग के अपने फायदे हैं और इसका फैंस में उत्साह जबरदस्त होता है।वीरू ने कहा, ”मैं एक लीग की तुलना अन्य से नहीं कर सकता क्योंकि विभिन्न देशों में लीग होती है। यह देशों के लिए अच्छी है। आईपीएल भारत के लिए अच्छी है। बिग बैश लीग ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छी है। इसी प्रकार आईएलटी20 यूएई के लिए अच्छी है। इसलिए किसी एक को चुनना मुश्किल है। मगर आईएलटी20 की अच्छी बात यह है कि आप 9 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को एक टीम में खेलते हुए देख सकते हैं। यह सिर्फ इसी लीग में संभव है।”