बहेड़ी के व्यापारी ने नामी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के लिए इंटरनेट से ईमेल एड्रेस लिया। इस संपर्क करने से एक नंबर मिला। व्यापारी ने नंबर पर संपर्क किया तो एक व्यक्ति ने खुद को कंपनी का अधिकारी बताया और उनको झांसे में लेकर कई बार में रकम ट्रांसफर करा ली।
बरेली में नामी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के लिए बहेड़ी के व्यापारी को इंटरनेट का सहारा लेना महंगा पड़ गया। साइबर ठगों ने झांसे में लेकर कई बार में एक करोड़ 28 लाख 60 हजार रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए। साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट करने के साथ ही 10 से अधिक बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं। इनमें कितनी रकम है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है।
बहेड़ी के मोहल्ला गोदाम माथुर रोड निवासी मुशारिक ने साइबर थाना पुलिस को बताया कि उनके मामा आरिफ की फर्म रजवी आर्गेनाइजेशन नाम से कस्बा बहेड़ी में है। आरिफ को एक कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के लिए आवेदन करना था। भाई अजर ने कंपनी के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया। यहां मिले ईमेल से एक फोन नंबर दिया गया। नंबर पर संपर्क किया तो आदित्य रंजन नाम के युवक से बात हुई उसने खुद को कंपनी का अधिकारी बताया।
आदित्य ने कंपनी के बारे में जानकारी ईमेल कर दी। आदित्य ने विश्वास में लेकर फ्रेंचाइजी फीस, रजिस्ट्रेशन फीस, लीगल एकाउंटिंग, लाइसेंस फीस, इंटीरियर डिजाइन आदि के बहाने 28,70,500 रुपये और 99,89,500 रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए। आदित्य का नंबर बंद होने पर ठगी का अहसास हुआ तो साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
वेलेंटाइन डे पर सर्वे का दिया झांसा, फिर नंबर बंद कर लिया
मुशारिक ने बताया कि साइबर ठगों ने जब फ्रेंचाइजी देने के बहाने बड़ी रकम अपने खातों में ट्रांसफर करा ली तो उसने सर्वे करने की बात कही। इसी साल 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे पर आदित्य ने सर्वे करने के लिए आने का भरोसा दिया। जब वेलेंटाइन डे पर वह नहीं पहुंचा तो उन्होंने आदित्य के नंबर पर कॉल की। उसका नंबर बंद था।
इंटरनेट पर मौजूद सभी नंबर और ईमेल सही नहीं
साइबर थाने के इंस्पेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि इंटरनेट पर जरूरत से ज्यादा भरोसा ठीक नहीं है। गूगल एक सर्च इंजन है, इस पर कोई किसी भी तरह की जानकारी अपलोड कर सकता है। जरूरी नहीं कि आप बैंक या अन्य कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर यहां से लें तो वह सही ही हों। साइबर ठग भी अक्सर ऐसे फर्जी नंबर व ईमेल एड्रेस डाल देते हैं और लोग उन्हें सही समझकर झांसे में आ जाते हैं। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है। साइबर ठगों की लोकेशन बिहार के नालंदा में मिली है। 10 से ज्यादा बैंक खाते फ्रीज कराए गए हैं।