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आम लोगो की समस्याओं का करे तेजी से निराकरण- भूपेश

रायपुर 29जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम नागरिकों की समस्याओं का निराकरण को अपनी सरकार की पहली प्राथमिकता बताते हुए जिला कलेक्टरों को समस्याओं को ढकने या मैनेज करने के बजाय समस्याओं का स्थाई हल निकालने पर जोर देने का निर्देश दिया है।

श्री बघेल ने आज यहां नवीन विश्रामगृह के सभागार में आयोजित कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में संभाग के कमिश्नरों, पुलिस महानिरीक्षको, कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से कहा कि आम नागरिकों को अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के निराकरण के लिए भटकना ना पड़े। तहसील स्तर की समस्या का निराकरण तहसीलदार स्तर पर, थाना स्तर की समस्या थाना स्तर पर और जिला स्तर की समस्या का निराकरण जिला स्तर पर होना चाहिए।

उन्होने कहा कि नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, बिजली कनेक्शन लेने जैसी स्थानीय स्तर पर ही निराकृत होने सकने वाली समस्या के हल के लिए नागरिकों को राजधानी तक भटकने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए।उन्होने कहा कि मुझे अपने अधिकारियों पूरा भरोसा है और वे सुनिश्चित करेंगे की शासकीय अमला जनहित के कार्यों को बेहतर रूप से क्रियान्वित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों से जंगलों में रह रहे पात्र वनवासियों को वन अधिकार पत्र मिलना चाहिए।उन्होंने सामुदायिक एवं व्यक्तिगत दावे के प्रकरणों की समीक्षा कर लंबित प्रकरणों के निराकरण के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि वन, राजस्व और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी समन्वय से देखे कि वन अधिकार अधिनियम का पालन हो तथा बड़ी संख्या में निरस्त किए गए पट्टों की फिर से समीक्षा की जाए। उन्होंने भविष्य में जंगलों को अतिक्रमण से बचाने के लिए समुदाय का भी सहयोग लेने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ फंड) की राशि का इस्तेमाल खनन प्रभावित क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी एवं ग्रामीणों की शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर के सुधार करने पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि अगर इस फंड का उपयोग प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों में अच्छे शिक्षकों की व्यवस्था करने, अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति करने, पशुओं के जीवनरक्षा के लिए किया जाता है, तो उसका स्वागत है। केवल बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाने से लोगों के जीवन स्तर पर अंतर नहीं आएगा। उन्होंने डीएमएफ के कार्यों की समीक्षा करने को भी कहा।

श्री बघेल ने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे प्रदेश में सट्टा-जुआ, अवैध शराब, सामाजिक अपराध आदि पर कड़ाई से अंकुश लगाएं तथा कानून और व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के साथ बेसिक पुलिसिंग कार्य पर जोर दें। इस अवसर पर बताया गया कि राज्य में करीब 27 हजार मानव तस्करी के प्रकरण हैं।सरगुजा संभाग के जिलों विशेष कर जशपुर में मानव तस्करी की समस्या विशेष हैं। मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधीक्षकों को ऐसे मामलों में त्वरित होकर प्रभावी कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने प्रदेश में पलायन की स्थिति की जानकारी भी ली।