Friday , July 4 2025
Home / खास ख़बर / यूपी कैबिनेट का फैसला: असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अब लिखित परीक्षा जरूरी

यूपी कैबिनेट का फैसला: असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अब लिखित परीक्षा जरूरी

प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर (सहायक आचार्य) पद पर भर्ती के लिए अब अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा भी देनी होगी।

प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर (सहायक आचार्य) पद पर भर्ती के लिए अब अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा भी देनी होगी। बृहस्पतिवार को कैबिनेट ने उच्च शिक्षा विभाग के इससे जुड़े प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से उच्चतर शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन के तहत यह प्रस्ताव लाया गया था।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि वर्तमान में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन लोक सेवा आयोग करता है। उच्चतर शिक्षा (समूह क) सेवा नियमावली 1985 के अंतर्गत केवल आयोग की ओर से साक्षात्कार के माध्यम से इनकी नियुक्ति की जाती थी। इसमें संशोधन करते हुए चयन केवल साक्षात्कार के आधार पर नहीं, बल्कि लिखित परीक्षा (सब्जेक्टिव) व साक्षात्कार के संयुक्त अंकों के आधार पर किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसके लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा (समूह क) सेवा (तृतीय संशोधन) नियमावली-2025 को जारी करने की कैबिनेट ने मंजूरी दी है। मंत्री ने कहा कि यह पद समूह क श्रेणी का अत्यंत महत्वपूर्ण पद है, जो विद्यार्थियों की शिक्षा, शोध और उनके भविष्य को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। ऐसे में यह आवश्यक था कि चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष तथा गुणवत्तापूर्ण बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि केवल साक्षात्कार के आधार पर चयन में पक्षपात की संभावनाएं बनी रहती थीं, जिससे कई बार योग्य अभ्यर्थियों को न्याय नहीं मिल पाता था। नई संशोधित व्यवस्था में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार दोनों के माध्यम से अभ्यर्थियों का समग्र मूल्यांकन किया जाएगा। इससे न केवल उनके विषय ज्ञान की परख हो सकेगी, बल्कि उनके शिक्षण कौशल व शोध क्षमता का भी आंकलन किया जा सकेगा। इससे राजकीय महाविद्यालयों में उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षकों का चयन संभव होगा।

डॉ. केएन मोदी निजी विवि गाजियाबाद को संचालन की दी अनुमति
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि कैबिनेट ने निजी क्षेत्र के अंतर्गत डॉ. केएन मोदी विश्वविद्यालय मोदीनगर, गाजियाबाद के संचालन को प्राधिकार पत्र जारी करने की सहमति दी है। गाजियाबाद में डॉ. केएन मोदी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ट्रस्ट की ओर से 20.4497 एकड़ जमीन पर यह विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है।

होमगार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों की पदोन्नति में बाधा दूर करने को घटी सेवा अवधि
उप्र होमगार्ड्स संगठन में पूर्व व्यवस्था के अनुसार मंडलीय कमांडेंट से उप महासमादेष्टा के पद पर पदोन्नति में सेवा अवधि को लेकर उत्पन्न गतिरोध को खत्म करने के लिए कैबिनेट ने होमगार्ड्स सेवा (सप्तम संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी प्रदान कर दी है।

कैबिनेट के फैसले से मंडलीय कमांडेंट ग्रेड-1 से मंडलीय कमांडेंट ग्रेड-2 के पद पर पदोन्नति की जो अर्हता पूर्व में 5 वर्ष निर्धारित थी, उसे अब 2 वर्ष की सेवा के साथ कुल 13 वर्ष की सेवा, जो जिला कमांडेंट और मंडलीय कमांडेंट ग्रेड-1 के रूप में की गई हो, कर दिया गया है। इसी तरह मंडलीय कमांडेंट ग्रेड-2 से उप महासमादेष्टा के पद पर पदोन्नति की अर्हता भी पूर्व में 5 वर्ष निर्धारित थी, जिसे अब घटाकर मंडलीय कमांडेंट ग्रेड-2 पर एक वर्ष की सेवा के साथ कुल 18 वर्ष की सेवावधि जो जिला कमांडेंट, मंडलीय कमांडेंट ग्रेड-1 व मंडलीय कमांडेंट ग्रेड-2 के पद पर की गयी हो, कर दिया गया है।

इसी तरह उप महासमादेष्टा से संयुक्त महासमादेष्टा के पद पर पदोन्नति की अर्हता पूर्व में 2 वर्ष निर्धारित थी, जिसे घटाकर उप महासमादेष्टा की 1 वर्ष की सेवा के साथ 20 वर्ष की कुल सेवा जो जिला कमांडेंट से उप महासमादेष्टा के पद पर की गयी हो, नियत कर दी गयी है।

बता दें कि मंडलीय कमांडेंट ग्रेड-2 से उप महासमादेष्टा के पद पर पदोन्नति में गतिरोध की वजह से वर्तमान में उप महासमादेष्टा के 4 पद रिक्त चल रहे थे तथा फील्ड में मात्र एक अधिकारी शेष था। इससे शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे थे।