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वायरल बुखार से लेकर डेंगू तक, बदलते मौसम ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

पटना मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (पीएमसीएच) की ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। प्रतिदिन यहां चार सौ से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या वायरल बुखार, सर्दी, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी मौसमी बीमारियों के मरीजों की है। पहुंचने वाले मरीजों में लगभग 150 से 175 मरीज वायरल संक्रमण से पीड़ित होते हैं।

इन बीमारियों की अधिकता का मुख्य कारण बदलता मौसम, उमस भरा वातावरण और लोगों की कमजोर होती रोग प्रतिरोधक क्षमता मानी जा रही है। इसके अलावा मरीजों में हेपेटाइटिस-बी जैसे संक्रामक रोगों के भी कई मामले सामने आ रहे हैं। अब मरीजों में जांच में डेंगू के साथ-साथ टायफायड, मलेरिया की रिपोर्ट भी आने लगी है। इसके लिवर, बीपी, थायरायड और शुगर गर के मरीज भी बड़ी संख्या में रह रहे हैं। खानपान में लापरवाही, तनावपूर्ण जीवनशैली और नियमित स्वास्थ्य जांच की कमी के चलते इन बीमारियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। खासकर मध्यम आयवर्ग और वृद्ध नागरिक इन रोगों से अधिक प्रभावित हो रहे हैं।

दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो जागरण में रविवार को पीएमसीएच मेडिसीन विभाग के वरीय सहायक प्राध्यापक डॉ. संजय कुमार ने यह बातें कही। इस दौरान पाठकों ने वायरल बुखार, डेंगू से बचाव, लक्षण, इलाज और सतर्कता उपायों को लेकर जानकारी प्राप्त की। प्रस्तुत है चुनिंदा प्रश्न व उसके जवाब।

डेंगू को लेकर क्या सर्तकता बरतें?

डेंगू एक जानलेवा वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है। बरसात और उसके बाद का मौसम डेंगू के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए इस समय डेंगू को लेकर विशेष सतर्कता बरतना जरूरी है। साफ पानी जमा नहीं होने दें। हर हफ्ते पानी के बर्तन साफ करें, पूरी बाजू के कपड़े पहनें, मच्छरदानी व मच्छर भगाने वाले क्रीम काइल का उपयोग करें।

क्या दिन में ही डेंगू के मच्छर काटते हैं?

  • डेंगू के मच्छर दिन में ज्यादा एक्टिव होते हैं, लेकिन यह रात में भी काट सकता है। ऐसे में सर्तकता पूरी जरूरी है।

डेंगू होने के लक्षण क्या है?

  • तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द रैश, कमजोरी आदि लक्षण हों तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं। इस दौरान बगैर डाक्टर के दिखाएं बुखार के लिए पैरासिटामोल के अतिरिक्त कोई दवा ना लें।
  • वायरल बुखार पांच-सात दिनों तक रह सकता है। यदि तापमान लगातार उच्च बना हुआ है तो नजदीकी डाक्टर से दिखाएं। यदि उतर रहा हो और परेशानी ज्यादा न हो तो एक-दो दिन इंतजार कर सकते हैं।

गैस की समस्या बहुत आम है, इसके लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है, लेकिन अगर यह बार-बार होती है या बहुत ज्यादा तकलीफ देती है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डाक्टर से मिलकर उचित सलाह लें। साथ ही तला भूना भोजन ना करें। खाना चबा-चबा कर खाएं। अनियमित भोजन न करें, तनाव व चिंता से दूर रहें।