
रायपुर, 29 अक्टूबर।निर्वाचन आयोग द्वारा देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम की घोषणा के बाद, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आयोग से पूर्ण पारदर्शिता और ईमानदारी बरतने की मांग की है।
श्री बैज ने आज यहां जारी बयान में कहा कि निर्वाचन आयोग को सबसे पहले मतदाता सूची का इलेक्ट्रॉनिक डेटा सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराना चाहिए और किसी भी संशोधन से पहले दलों के बीएलए (Booth Level Agent) से चर्चा करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बिना सूचना और चर्चा के किसी नागरिक से मतदान का अधिकार छीनना लोकतंत्र के खिलाफ अपराध है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एसआईआर का कार्य मुख्य रूप से बीएलओ (Booth Level Officer) के माध्यम से होगा, जो घर-घर जाकर दस्तावेजों का मिलान करेगा। उन्होंने आग्रह किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बीएलओ प्रत्येक घर तक भौतिक रूप से पहुंचे और मतदाता से अपने आने की लिखित पुष्टि रसीद ले। इससे यह प्रमाणित होगा कि बीएलओ ने कागजों पर नहीं, बल्कि मैदानी स्तर पर वास्तविक सर्वे किया है।
दीपक बैज ने कहा कि यदि किसी मतदाता का नाम सूची से काटा जाता है, तो यह साबित करने की जिम्मेदारी आयोग की होनी चाहिए कि वह व्यक्ति मतदान के योग्य नहीं है। मतदाताओं को अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने का पूरा अवसर दिया जाए।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाताओं की संख्या बढ़ाना होना चाहिए, न कि घटाना। साथ ही यह कार्य पूर्णतः निर्वाचन आयोग का दिखना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल या सरकार के एजेंडे की तरह प्रतीत होना चाहिए।
बैज ने चेतावनी दी कि सत्ताधारी दल यदि राजनीतिक लाभ के लिए वोट डिलीट करने की सुनियोजित प्रक्रिया अपनाता है तो यह अनुचित होगा। उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की कि टेबल टॉप मिलान के सभी आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं, ताकि मतदाता सूची की प्रक्रिया पर किसी को भी संदेह न रहे।
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