
रायपुर 23 नवंबर।मोदी सरकार के कोयला खदानों की नई नीलामी प्रक्रिया शुरू करने पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि देशभर में नीलामी के लिए रखी जा रही 41 खदानों में से 15 खदानें छत्तीसगढ़ में स्थित हैं।
श्री बैज ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ये सभी खदानें राज्य के घने वन क्षेत्रों में आती हैं, जिनके संचालन के लिए लाखों पेड़ों की कटाई करनी पड़ेगी। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुँचेगा और स्थानीय समुदायों पर भी व्यापक असर पड़ेगा।
उन्होने बताया कि रायगढ़ जिले की जिन चार खदानों को नीलाम किया जा रहा है, वे लेमरू एलीफेंट रिज़र्व के भीतर या आसपास स्थित हैं। इनमें से कई स्थल हाथियों की आवाजाही वाले क्षेत्रों में आते हैं। इसके बावजूद सरकार इन संवेदनशील इलाकों में नई खदानें डेवलप करने की अनुमति दे रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही राज्य के खनिज संसाधनों की खुली लूट शुरू हो गई है।हसदेव अरण्य के हरे-भरे जंगल मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से पहले ही काट दिए गए।रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम के तहत आवंटित भूमि पर खड़े घने जंगलों की कटाई कर खदान अडानी समूह को सौंप दी गई।बीजापुर में बिना पर्यावरण अनुमति के कोरंडम खदान के लिए बड़े पैमाने पर जंगल काटे गए।बैलाडिला की तीन खदानों और कांकेर जिले की लोहे की खदानों को भी बेच दिया गया।
उन्होंने कहा कि अब सरकार सेंट्रल इंडिया के फेफड़े कहे जाने वाले हसदेव अरण्य, तमोर पिंगला, कोरबा और रायगढ़ क्षेत्रों में 15 नई कोयला खदानों को निजी पूंजीपतियों के हाथ बेचने की तैयारी में है, जिससे पूरे प्रदेश की पर्यावरणीय और सामाजिक संरचना गंभीर खतरे में पड़ जाएगी।
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