
नई दिल्ली 06 दिसम्बर।भारत और रूस ने वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को सौ अरब डॉलर तक बढ़ाने का संकल्प लिया है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा और दोनों पक्षों की मजबूत क्षमता यह संकेत देती है कि द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य, निर्धारित समय से पहले ही हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापार के लिए सरल और विश्वसनीय तंत्र बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा शुरू हो गई है।
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि चाहे व्यापार हो या कूटनीति, किसी भी साझेदारी की नींव आपसी विश्वास है। उन्होंने कहा कि भारत-रूस संबंधों की सबसे बड़ी ताकत इसी विश्वास में निहित है। यह विश्वास संयुक्त प्रयासों को दिशा और गति प्रदान करता है।
श्री मोदी ने उल्लेख किया कि भारत और रूस इस लक्ष्य को समय से पहले हासिल करने के दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के पीछे असली ताकत उद्योग जगत में निहित है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि उद्योग प्रतिनिधियों की ऊर्जा, नवाचार और महत्वाकांक्षा भारत और रूस के साझा भविष्य को आकार देते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि भारत और रूस अब नवाचार, सह-उत्पादन और सह-सृजन की एक नई यात्रा पर निकल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक चुनौतियों के स्थायी समाधान विकसित करने के लिए रूस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने को तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की कौशल राजधानी के रूप में उभर रहा है और भारत के युवाओं में वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता है।
श्री मोदी ने बताया कि शिखर सम्मेलन में भारत और रूस ने दोनों देशों के नागरिकों के लिए पर्यटक वीज़ा पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिससे दोनों देशों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोज़गार तथा व्यवसाय के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देश इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण, ऑटोमोटिव कलपुर्जें और वायरलेस मोबिलिटी तकनीक में साझेदारी कर सकते हैं, जिससे ग्लोबल साउथ विशेष रूप से अफ्रीका के विकास में योगदान मिलेगा।
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