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भारत को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना सरकार का लक्ष्य- कोविंद

नई दिल्ली 20 जून।राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि सकल घरेलू उत्‍पाद के आधार पर भारत की अर्थव्‍यवस्‍था दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनने की राह पर है।उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2024 तक भारत को 50 खरब डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाना सरकार का लक्ष्‍य है।

श्री कोविंद ने आज संसद के दोनों सदनों के संयुक्‍त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप सरकार एक मजबूत, सुरक्षित, समृद्ध और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है।उन्‍होंने कहा कि यह यात्रा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्‍वास की भावना के साथ आगे बढ़ेगी। राष्‍ट्रपति ने कहा कि पहले दिन से ही सरकार कुशासन से लोगों को हुए कष्‍टों को दूर करके उन्‍हें सभी सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि लोकसभा के आधे से अधिक सदस्‍य पहली बार चुनकर आए हैं और लोकसभा के इतिहास में सबसे अधिक संख्‍या में महिलाएं चुनकर आई हैं।

उन्होने कहा कि..लोकसभा के इतिहास में सबसे बड़ी संख्या में, 78 महिला सांसदों का चुना जाना नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत करता है।यह प्रसन्नता का विषय है कि भारत की विविधताओं का प्रतिबिंब इस संयुक्त सत्र में दिख रहा है। हर आयु के, गांव और शहर के, हर प्रोफेशन के लोग, दोनों सदनों के सदस्य हैं..।

सरकार के प्रयासों का उल्‍लेख करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि अब प्रत्‍येक किसान को देने का फैसला किया गया है। उन्‍होंने छोटे दुकानदारों और खुदरा विक्रेताओं के लिए पेंशन योजना की प्रशंसा की।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि जल संरक्षण पर जोर देते हुए सरकार ने एक अलग जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। इसके जरिए जल संरक्षण और प्रबंधन को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकेगा। राष्‍ट्रपति ने कहा कि सरकार का ध्‍यान अब ग्रामीण भारत को सशक्‍त बनाने पर है। उन्‍होंने कहा कि ग्रामीण भारत को मजबूत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। कृषि क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए, आने वाले वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपए का और निवेश किया जाएगा।  वर्ष 2022 तक देश के किसान की आय दोगुनी हो सके, इसके लिए पिछले 5 वर्षों में अनेक कदम उठाए गए हैं।

राष्‍ट्रपति ने देश में हर बहन-बेटी को समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए तीन तलाक और निकाह हलाला की प्रथा के उन्‍मूलन की आवश्‍यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने सांसदों से अनुरोध किया कि वे बहनों और बेटियों के जीवन को और अधिक सम्‍मानपूर्ण बनाने के लिए सरकार के इन प्रयासों का समर्थन करें।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि सभी नवनिर्वाचित सदस्‍यों को यह बात ध्‍यान रखनी चाहिए कि मतदाताओं ने अपने सभी काम छोड़कर और कठिनाइओं को नजर अंदाज करते हुए मतदान में हिस्‍सा लिया। इसलिए निर्वाचित प्रतिनिधियों को देश के प्रति अपनी जिम्‍मेदारियों का अहसास होना चाहिए। और मतदाताओं की आकांक्षाओं को पूरा करना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।