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छत्तीसगढ़ में लव-कुश की जन्मस्थली तुरतुरिया बनेगा ईको टूरिज्म स्पाट

रायपुर 02 अगस्त।छत्तीसगढ़ सरकार ने रामायण के माध्यम से रामकथा को दुनिया के सामने लाने वाले महर्षि बाल्मिकी के तुरतुरिया स्थित आश्रम को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।

आधिकारिक जानकारी के अऩुसार बलौदाबाजार जिले के तुरतुरिया में बाल्मिकी आश्रम तथा उसके आसपास का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।यह प्राकृतिक दृश्यों से भरा एक मनोरम स्थान है, जो पहाड़ियों से घिरा हुआ है।यह बारनवापारा अभयारण्य से भी लगा हुआ है।यहां बालमदेही नदी और नारायणपुर के निकट बहने वाली महानदी पर वाटर फ्रंट विकसित किया जाएगा। इन स्थानों पर कॉटेज भी बनाए जाएंगे। तुरतुरिया के ही निकट स्थित एक हजार साल पुराने शिव मंदिर को भी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

भगवान राम ने अपने वनवासकाल के दौरान कुछ समय तुरतुरिया के जंगल में भी बिताए थे। ऐसी भी मान्यता है कि लव-कुश का जन्म इसी आश्रम में हुआ था। तुरतुरिया को ईको टुरिज्म स्पाट के रूप में विकसित करने की योजना है।