खराब लाइफस्टाइल और वर्कआउट की कमी से महिलाओं को प्रजनन क्षमता घट रही है। तो उसे सुधारने के लिए फिजिकली एक्टिविटीज़ पर फोकस करें जिसमें वर्कआउट्स के ये फॉर्म हो सकते हैं बहुत ही मददगार। जानें यहां इसके बारे में।
जो महिलाएं आरामदायक जीवन जीती हैं उन्हें सिर्फ मोटापे की ही समस्या नहीं होती बल्कि गर्भधारण में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बॉडी में फैट का बढ़ना इंसुलिन प्रतिरोध का कारण है, जो हॉर्मोंस को डिस्टर्ब कर सकता है। जिससे मिसकैरेज, प्री मैच्योर डिलीवरी और ओवुलेटरी डिस्फंक्शन की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है। तो अगर आप फैमिली प्लानिंग की सोच रही हैं, तो पहले अपने आप को फिट करें। जिसमें डाइट के साथ एक्सरसाइज का बहुत बड़ा रोल होता है। रोजाना वर्कआउट करने से बॉडी फिट रहती है साथ ही प्रजनन क्षमता में भी सुधार होता है। तो आज हम कुछ ऐसी ही एक्सरसाइजेस के बारे में जानेंगे, जो महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती हैं।
1. पिलाटे और योग
कोर मसल्स की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए यह बहुत ही अच्छी एक्सरसाइज है। योग और पिलाटे दोनों से ही बॉडी में सही तरीके से ब्लड सर्कुलेशन होता है और पेट, कमर के साथ दूसरे अंगों पर जमा फैट भी कम होता है। योग के जरिए प्रजनन स्तर को सुधारने में भी मदद मिलती है।
2. कार्डियो
कार्डियो वर्कआउट जिसे करने से दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं, जैसे- दौड़ना, जॉगिंग और चलना, इन सबसे भी शरीर में सही तरीके से ब्लड का सर्कुलेशन होता है जो प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है। तो हफ्ते में तीन से चार दिन जरूर करें कार्डियो वर्कआउट्स।
3. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
वेट कम करने और बढ़ाने के लिए, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग सबसे बेस्ट होती है। इसके अलावा ये मसल्स बनाने का भी शानदार तरीका है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से बॉडी की सहनशक्ति और शक्ति में बढ़ती है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करती है, जिससे आपके हार्मोन का स्त्राव सही रहता है। बस इस ट्रेनिंग को सही तरीके से करें।
4. स्ट्रेचिंग
किसी भी वर्कआउट से पहले और बाद में स्ट्रेचिंग इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे इंजुरी की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। स्ट्रेचिंग से मसल्स को ऑक्सीजन भी सही मात्रा में पहुंचती है। जिससे मांसपेशियों का दर्द व जकड़न दूर होती है। प्रजनन क्षमता बढ़ती है।