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 बच्चों को शिक्षा के साथ खेलकूद और अनुशासन पर भी ध्यान देना जरूरी- भूपेश

रायपुर 26 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज के दौर में स्कूलों में शिक्षा का वातावरण बनाना जरूरी है। बच्चों को शिक्षा के साथ खेलकूद और अनुशासन पर भी ध्यान देना है।

    श्री बघेल  ने शिक्षा सत्र के शुभारंभ और शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर आज प्रो.जे.एन पांडेय शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय  में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रत्येक स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है और इस मंदिर को भी  हमेशा साफ सुथरा रहना चाहिए।उन्होने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों के खुलने से राज्य में शिक्षा के प्रति फिर से रूझान बढ़ा है और वर्तमान में प्रत्येक वर्ग के लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।

    उन्होने शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर स्कूली बच्चों को तिलक लगाकर, माला पहनाकर तथा उन्हें मिठाई खिलाकर शाला प्रवेश कराया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को गणवेश, पुस्तकें तथा स्कूल बैग का भी वितरण किया। उन्होने विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्राचार्यों  और अभिभावकों को नये शिक्षा सत्र के शुभारंभ और शाला प्रवेशोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि यही बच्चे हमारा भविष्य हैं और इन बच्चों को शिक्षा का उचित वातावरण देना हमारी जिम्मेदारी है ताकि इनका पढ़ाई में मन लगा रहे।

     श्री बघेल ने शाला प्रवेशोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री बालवाड़ी योजना के दूसरे चरण में वर्चुअल रूप से चार हजार 318 बालवाड़ियों का शुभारंभ किया। राज्य में बालवाड़ियों के जरिए पांच से छह वर्ष के  बच्चों को बुनियादी शिक्षा के प्रति जागरुक करने का प्रयास किया जाता है। बालवाड़ी में बच्चों को  खेल-खेल में शिक्षा प्रदान की जाती है ताकि स्कूल जाने में उन्हें कोई घबराहट का सामना न करना पड़े।