सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से जानना चाहा कि जम्मू में नये हाई कोर्ट परिसर के निर्माण की दिशा में क्या प्रगति हुई है। 28 जून को, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जम्मू में हाई कोर्ट के नए परिसर की आधारशिला रखी थी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने जम्मू और श्रीनगर में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) पीठों में रिक्तियों और वहां लंबित मामलों को उजागर करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने पीठ के समक्ष एक अद्यतन नोट रखा, जिसमें दोनों शहरों में कैट पीठों में रिक्तियों और लंबित मामलों के संबंध में स्थिति का संकेत दिया गया। ट्रिब्यूनल के लिए बुनियादी ढांचे के मुद्दे पर, भाटी ने कहा कि राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के पास कुछ निर्देश हो सकते हैं। राज्य के वकील ने कहा कि जहां तक श्रीनगर का संबंध है, कुछ प्रगति हुई है लेकिन जम्मू में भूमि की पहचान एक मुद्दा है।
भाटी ने पीठ को बताया कि मुझे निर्देश है कि अब एक समझौता है कि एक बार मौजूदा उच्च न्यायालय भवन खाली हो जाने के बाद, ट्रिब्यूनल, जम्मू पीठ वहां स्थानांतरित हो जाएगी।जस्टिस कौल ने भाटी से कहा कि प्रस्तावित भवन का निर्माण अभी शुरू भी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ भी नहीं बनाया जा रहा है। काम शुरू भी नहीं हुआ है।
केवल एक चीज जो हुई है वह यह है कि हम सभी वहां शिलान्यास के लिए शामिल हुए थे। वहां बस इतना ही हुआ है। और कुछ नहीं हुआ। वहां एक इंच भी हलचल नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि फंड की कोई समस्या है। इस पर भाटी ने पीठ से अनुरोध किया कि उन्हें इस मुद्दे पर हलफनामा पेश करने की अनुमति दी जाए।
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