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देश के आर्थिक विकास में खनन और इस्पात उद्योगों की अहम भूमिका – साय

रायपुर 24अप्रैल।केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि देश के आर्थिक विकास में खनन और इस्पात उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

श्री साय ने आज यहां राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एन.एम.डी.सी.) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। यह संगोष्ठी एन.एम.डी.सी. के हीरक जयंती के अवसर पर आयोजित की गयी। ‘नये परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायित्वपूर्ण खनन‘ तथा ‘खनिज समृद्ध राज्यों में खनन और इस्पात में विकास और निवेश के अवसरों‘ विषय पर आयोजित की गयी।

श्री साय ने कहा कि बस्तर में लगभग 20 हजार करोड़ की लागत से बन रहा नगरनार इस्पात संयंत्र इस वर्ष प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 60 वर्षों में इस वर्ष एन.एम.डी.सी. ने खनिजों के उत्पादन और विक्रय में रिकार्ड कायम किया है।उन्होंने खनिजों के अन्वेषण के क्षेत्र में निवेश का आव्हान करते हुए कहा कि इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा। श्री साय ने कहा कि नई खनिज नीति के माध्यम से खनिज बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए अधिक आर्थिक संसाधन उपलब्ध हुए हैं इससे इन क्षेत्रों के विकास के नए रास्ते खुले हैं।खनिजों की रायल्टी की बढ़ी हुई दरों, जिला खनिज निधि और खदानों की ई-नीलामी के माध्यम से खनिज बहुल राज्यों को अधिक संसाधन मिलना संभव हो सका है।

उन्होंने कहा कि एन.एम.डी.सी. ईको फ्रेण्डली माइनिंग के माध्यम से खनिजों का उत्पादन कर रहा है। एन.एम.डी.सी. की सभी खदानों को पांच सितारा रैंकिंग में रखा गया है।  इस संगोष्ठी के माध्यम से खनन और निवेश के क्षेत्र में विकास के नये अवसर सामने आएंगे और छत्तीसगढ़ जैसे खनिज बहुल राज्यों को इसका फायदा मिलेगा।

छत्तीसगढ़ के वाणिज्य और उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में जल्द ही देश में प्रथम स्थान पर आएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति से प्रदेश में इस्पात और उससे संबंधित सहायक उद्योगों में निवेश का अच्छा माहौल बना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बस्तर छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा और एन.एम.डी.सी. इसका मुख्य आधार होगा। उन्होंने बताया कि जिला खनिज निधि में खनिजों की रायल्टी से हर वर्ष बारह सौ करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हो रही है। उन्होंने प्रदेश में खनिज क्षेत्र के विकास पर प्रकाश डाला।

एन.एम.डी.सी. के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एन. बैजेन्द्र कुमार ने कहा कि नगरनार में इस्पात संयंत्र के प्रारंभ होने साथ वहां पर सहायक उद्योगों के विकास की काफी संभावनाएं है। इस दिशा में अभी से प्रयास किए जाने चाहिए। बस्तर अंचल की अर्थव्यवस्था और विकास पर इसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बैलाडीला से सबसे अच्छी गुणवत्ता का लोहा हमें मिलता है। एन.एम.डी.सी.ने अपनी स्थापना के 60 साल में सबसे ज्यादा उत्पादन और विक्रय इस वर्ष किया है। एन.एम.डी.सी.अपने सी.एस.आर.मद से खनन प्रभावित क्षेत्रों में एजुकेशन, हेल्थ और खेल के क्षेत्र में विशेष कार्य किए है।दंतेवाड़ा की एजुकेशन सिटी पूरे देश में इसका एक मॉडल है।