सोनीपत में कोहरे व सर्दी के सितम के साथ ही प्रदूषण की मार भी झेलनी पड़ रही है। प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है, जो अस्थमा व श्वास संबंधी बीमारियों के मरीजों पर भारी पड़ रहा है। वीरवार को जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पहले यह 277 दर्ज किया गया था। कोहरे के कारण न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आई है। वीरवार सुबह जिले का न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो बुधवार को 5.8 डिग्री दर्ज किया गया था।
जिले में वीरवार तड़के जिला घने कोहरे की चादर से ढका रहा। हालांकि बुधवार को शीतलहर चलने से देर रात तक कोहरे का प्रभाव कम था। वीरवार तड़के करीब तीन बजे हवा का दबाव कम होने के बाद कोहरे का असर गहराने लगा था। सुबह करीब छह बजे घने कोहरे के कारण दृश्यता सिमटकर 20 मीटर तक रह गई थी। जिससे वाहनों की रफ्तार भी ब्रेक लग गए थे।
हाईवे पर वाहन लाइट जलाकर एक दूसरे के पीछे लाइन में धीमी गति से चल रहे थे। उसके बाद कोहरे का प्रभाव धीरे-धीरे कम होना शुरू हुआ। सुबह करीब साढ़े नौ बजे तक दृश्यता बढ़कर 100 मीटर तक पहुंच गई थी। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में दृश्यता 50 मीटर से कम रही। जिससे वाहन चालकों को परेशानी हुई। सुबह के समय बूंदों की तरह बरसे रहे घने कोहरे के बीच स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों व नौकरीपेशा को परेशानी झेलनी पड़ी।
कोहरे के कारण ट्रेनें भी घंटों देरी से चल रही
कोहरे के कारण लंबी दूरी ट्रेनें घंटों देरी से चल रही है। वीरवार को गाड़ी संख्या 12311 नेताजी एक्सप्रेस 11:00 घंटे, 11078 झेलम एक्सप्रेस 5:44 घंटे, 14508 बठिंडा एक्सप्रेस 4:26 घंटे, 12460 अमृतसर-नई दिल्ली इंटरसिटी एक्सप्रेस 1:42 घंटे, 11841 गीता जयंती एक्सप्रेस 1:56 घंटे तक की देरी से चल रही हैं। वहीं सवारी गाड़ियां भी अपने निर्धारित समय से एक से डेढ़ घंटे तक की देरी चली। जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
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