नई दिल्ली 29 जुलाई।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सुराज और विकास के लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचने चाहिए और इसी से नये भारत की आधारशिला रखी जायेगी।
श्री मोदी ने आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यह समय इस बात पर फिर से जोर देने का है कि सुराज, प्रत्येक भारतीय का जन्मसिद्ध अधिकार है।लोकमान्य तिलक ने देशवासियों में आत्मविश्वास जगाया।उन्होंने नारा दिया था..स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम लेकर के रहेंगे..।आज ये कहने का समय है सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम उसे लेकर रहेंगे। हर भारतीय की पहुँच सुशासन और विकास के अच्छे परिणामों तक होनी चाहिए।यही वो बात है जो एक नए भारत का निर्माण करेगी।
देश में हो रही असमान वर्षा की स्थिति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक संतुलन बनाये रखने के लिए प्रकृति के संरक्षण तथा संवर्धन के सामूहिक प्रयास का आह्वान किया।भारत की विशालता, विविधता, कभी-कभी वर्षा भी पसंद-नापसंद का रूप दिखा देती है।लेकिन हम वर्षा को क्या दोष दें, मनुष्य ही है जिसने प्रकृति से संघर्ष का रास्ता चुन लिया और उसी का नतीज़ा है कि कभी-कभी प्रकृति हम पर रूठ जाती है और इसीलिये हम सबका दायित्व बनता है – हम प्रकृति प्रेमी बनें, हम प्रकृति के रक्षक बनें, हम प्रकृति के संवर्धक बनें।
हाल में थाइलैंड की एक गुफा में बाढ़ के कारण फंसे फुटबॉल के 12 किशोर खिलाडि़यों की टीम और उनके कोच को निकालने के लिए लगभग 18 दिन तक चले बचाव अभियान का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि जब मानवता एकजुट होकर ईश्वर प्रदत्त मानवीय गुणों को प्रकट करती है तो ऐसे चमत्कार होते हैं।
कॉलेजों में प्रवेश ले रहे नए छात्रों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने उन्हें शांत रहकर जीवन और अन्तर्मन का भरपूर आनंद लेने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि किताबों का कोई विकल्प नहीं है लेकिन छात्रों को नए कौशल, भाषाएं और संस्कृति जैसे नए विषयों को जानने पर भी ध्यान देना चाहिए।उन्होंने हाल में दिवंगत हुए कवि गोपालदास नीरज को भी याद किया।