नई दिल्ली 24 अगस्त।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत नेपाल के बीच खुली सीमा का दुरूपयोग रोकने के लिए रक्षा और सुरक्षा एजेंसियों के बीच नजदीकी सहयोग पर जोर दिया है।
श्री मोदी ने आज यहां हैदराबाद हाउस में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से चर्चा के दौरान यह जोर दिया।उन्होने कहा कि नेपाल और भारत के सुरक्षा हित आपस में जुड़े हैं और एक दूसरे पर निर्भर हैं।रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में दोनों देशों का आपसी सहयोग, उनकी भागीदारी की महत्वपूर्ण विशेषता है।
श्री मोदी ने कहा कि आज जिन आठ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए हैं उनमें से चार नेपाल में भूकंप के बाद पुनर्निर्माण के लिए एक अरब डॉलर की सहायता के भारत के वचन को पूरा करने में काम आएंगे।उन्होने कहा कि..एक करीबी पड़ोसी और मित्र देश की तरह भारत नेपाल में शांति, स्थायित्व और उसकी आर्थिक समृद्धि के प्रति हमेशा सजग रहता है। भारत को नेपाल के विकास और आर्थिक प्रगति के प्रयासों में साझीदारी होने का सौभाग्य प्राप्त है..।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्री देउबा और उन्होंने आपसी दीर्घकालीन हितों को ध्यान में रखते हुए बाढ़ नियंत्रण के लिए समन्वयन और परामर्श की प्रक्रिया को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की है।उन्होने कहा कि..नेपाल में आई बाढ़ के संदर्भ में बात करें तो मैंने भारत की तरफ से हरसंभव सहायता का प्रस्ताव फिर दोहराया है।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और नेपाल के संबंध व्यापक रूप से संस्कृति और सभ्यता से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल शीघ्र ही सभी मुद्दों को हल कर अपना संविधान लागू करेगा।
इससे पहले दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े आठ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। दोनों नेताओं ने कटैया- कुसहा और रक्सौल- परवानीपुर के बीच दोनों देशों में बिछाई गई बिजली की ट्रांसमिशन लाइन का संयुक्तरूप से उद्घाटन किया।
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