लिवर शरीर का ऐसा अंग है, जो कि डिटॉक्सिफिकेशन, प्रोटीन सिंथेसिस, कई विटामिन का स्टोरेज और पाचन की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाता है। यह बाइल बनाता है, जो कि पाचन प्रक्रिया में मदद करता है। लेकिन जब फैट मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है और लिवर में फैट जमा होने लगता है, तब ये फैटी लिवर होने लगता है। यह शरीर से टॉक्सिन को निकलने में मदद नहीं करता है, जिससे तमाम बीमारियां शुरू हो जाती हैं।
हालांकि, अच्छी बात यही है कि फैटी लिवर को अच्छे खानपान और स्वस्थ जीवनशैली से खत्म किया जा सकता है और साथ ही फैटी लिवर के गंभीर परिणामों से बचाव किया जा सकता है। आजकल अधिक शराब पीने से या फिर तला भुना, फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड खाने के कारण कम उम्र में ही फैटी लिवर की समस्या घर करने लगी है। उचित इलाज के लिए समय रहते उनके संकेत समझना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कम उम्र में फैटी लिवर के संकेत-
- स्किन का पीला पड़ना
- ब्लोटिंग
- अत्यधिक पसीना आना
- थकान
- पेट की चर्बी बढ़ना
- वजन बढ़ना
- आंखों के नीचे काले घेरे
- उल्टी और मितली
- सिरदर्द
- स्किन में खुजली, रैशेज या स्पॉट
- हाई ब्लड प्रेशर
- गॉल ब्लैडर की समस्याएं
- लो टेस्टोस्टेरॉन
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- भूख
फैटी लिवर का निदान
इन संकेतों के महसूस होने पर ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और फाइब्रोस्कैन करवा कर फैटी लिवर की पुष्टि करें और इसके अनुसार अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव लाएं।
इन बदलावों से आप रिवर्स कर सकते हैं फैटी लिवर-
- डाइट में बदलाव लाएं। हर प्रकार के रिफाइंड ऑयल का सेवन बंद कर दें। घी या ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल भी सीमित मात्रा में करें।
- ताजे फल और सब्जी का सेवन करें। प्रोसेस्ड या पैकेज्ड फूड से दूरी बनाएं।
- वजन कंट्रोल करें।
- नींद पूरी करें।
- 2 बड़े मील लेने की जगह 5 से 6 बार छोटे-छोटे मील लें।
- एक्सरसाइज जरूर करें।
- शराब,सोडा,सिगरेट से दूरी बनाएं।
- फ्रक्टोज कॉर्न सिरप, ट्रांसफैट, आर्टिफिशियल स्वीटनर, कैफीन का सेवन न करें।
- सिट्रस फ्रूट्स, लहसुन, ब्रोकली, पत्तागोभी जैसी क्रूसीफेरस सब्जियां, हल्दी, चुकंदर जैसी चीजों का इस्तेमाल बढ़ाएं।
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