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शिवराज ने छत्तीसगढ़ को दी ग्रामीण सड़कों की 2,225 करोड़ की सौगात

धमतरी, 19 नवंबर।केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में 2,225 करोड़ रुपये की ग्रामीण सड़क परियोजनाओं का शुभारंभ करते हुए छत्तीसगढ़ को बड़ी विकास सौगात दी। इन परियोजनाओं के तहत 780 गाँव पहली बार पक्की सड़क से जुड़ेंगे और 2,500 किलोमीटर से अधिक नई ग्रामीण सड़कें बनेंगी।

     समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोयंबटूर से देशभर के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) की 21वीं किस्त जारी की गई। इसके तहत छत्तीसगढ़ के 25 लाख किसानों के खातों में 500 करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए।

ग्रामीण सड़क विकास को नई रफ्तार

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम ग्राम सड़क योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का प्रमुख आधार है। इन नई परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ के दुर्गम इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे कृषि, बाजार और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

छत्तीसगढ़ को मिला मखाना बोर्ड में स्थान

केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि राष्ट्रीय मखाना विकास बोर्ड में अब छत्तीसगढ़ को शामिल किया जा रहा है। इससे राज्य के किसानों को मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण और राष्ट्रीय बाजार तक बेहतर पहुंच मिलेगी।

राष्ट्रीय स्तर के महत्वपूर्ण निर्णयों का उल्लेख

   अपने संबोधन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए बड़े फैसलो का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण,जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटना, महिला आरक्षण बिल पारित होना,राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने वाले कदम भारत के विकास मार्ग में ऐतिहासिक ठोस कदम साबित होंगे।

नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में चल रहे संयुक्त अभियान से नक्सली हिंसा में बड़ी कमी आई है और नक्सलवाद अब अंतिम चरण में है। इससे प्रदेश में विकास, निवेश और शांति का नया वातावरण तैयार हो रहा है।

राज्य सरकार की पहल की सराहना

   उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार की सक्रियता से छत्तीसगढ़ एक बार फिर विकास की मुख्यधारा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब योजनाओं का लाभ सीधे किसानों, महिलाओं और ग्रामीणों तक पहुँच रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के कारण कई केंद्रीय योजनाएँ प्रभावी रूप से लागू नहीं हो सकीं, किन्तु अब लाभ सीधे पात्र किसानों, ग्रामीणों और महिलाओं तक पहुँच रहा है।